विदेश की खबरें | रिज अहमद ने मुस्लिमों के चरित्रों को ‘अमानवीय’ तरीके से दिखाने के लिए हॉलीवुड की आलोचना की

लंदन, 12 जून ऑस्कर में सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के लिए नामित होने वाले पहले मुस्लिम अभिनेता रिज अहमद ने हॉलीवुड को अपनी फिल्मों में मुस्लिमों को एक बनी-बनाई ‘बुरी छवि’ के सांचे में रखने के लिए कठघरे में खड़ा किया है।

हाल में अहमद ने ब्लूप्रिंट मुस्लिम इन्क्लूजन (मुस्लिम समुदाय के समावेश का खाका) पहल की शुरुआत की है ताकि सिनेमा में समुदाय का प्रतिनिधित्व बढ़ सके।

इस पहल की शुरुआत यूएससी एनेनबर्ग इन्क्लूजन इनिशियेटिव, द फोर्ड फ़ाउंडेशन और पिलर्स फंड के साथ मिलकर की गई है।

‘साउंड ऑफ मेटल’ में अपने अभिनय के लिए ऑस्कर में सर्वश्रेष्ठ अभिनेता श्रेणी में नामित अहमद ने सोशल मीडिया पर अपने अकाउंट से पोस्ट एक वीडियो में कहा, ‘‘सिनेमा में मुस्लिमों को जिस तरह से दिखाया जाता है, उसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।’’

ब्रितानी-पाकिस्तानी अभिनेता ने कहा कि जब ऑस्कर के लिए वह नामित हुए तो यह उनके लिए ‘कड़वी-मीठी’ गोली जैसा क्षण था।

अहमद ने कहा कि एक तरफ तो वह निजी तौर पर नामित होने के लिए आभारी थे लेकिन दूसरी तरफ उनके मन में एक तरह की उदासी थी कि आज तक 1.6 अरब लोगों में से इस पुरस्कार तक कोई पहुँचा ही नहीं। ऐसे में उनके मन में सवाल आया कि क्या वह अपवाद हैं, मुस्लिमों के लिए क्या अलिखित सा यहां कुछ है?

उन्होंने ऑस्कर पुरस्कार जीतने वाली फ़िल्मों ‘अमेरिकन स्नाइपर’, ‘ द हर्ट लॉकर’, और ‘आर्गो’ में मुस्लिमों को 'अमानवीय रूप में' दिखाने की आलोचना की है और इसे ‘नस्लभेद’ जैसा करार दिया है।

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