बेंगलुरु, 29 नवंबर कर्नाटक में भाजपा के पूर्व विधायकों के एक समूह ने एमपी रेणुकाचार्य के नेतृत्व में शुक्रवार को पार्टी आलाकमान से आग्रह किया कि वरिष्ठ विधायक बासनगौड़ा पाटिल यतनाल को प्रदेश प्रमुख बीवाई विजयेंद्र की खुलकर आलोचना करने के लिए निष्कासित कर दिया जाए।
इस मुद्दे पर समान विचार रखने वाले कुछ पार्टी नेताओं के साथ रेणुकाचार्य ने कहा कि उनकी योजना आगामी दिनों में दावनगेरे में एक विशाल रैली करने की है जिसमें शक्ति प्रदर्शन किये जाने की उम्मीद है।
रेणुकाचार्य के नेतृत्व वाले गुट में के सुब्रमण्य नायडू, हरतल हलप्पा, रूपाली नाइक, बासवराज दादेसुगुर सहित अन्य शामिल हैं जो विजयेंद्र के समर्थक हैं।
रेणुकाचार्य के नेतृत्व वाले गुट की योजना राज्य के विभिन्न हिस्सों का दौरा करने की है जिनमें मंदिर भी शामिल हैं।
सूत्रों ने बताया कि यात्रा का उद्देश्य यतनाल और उनके धड़े का मुकाबला करना है। इस दौरान विजयेंद्र और उनके पिता बीएस येदियुरप्पा के समर्थन में पार्टी कार्यकर्ताओं को एकजुट किया जाएगा।
वरिष्ठ विधायक यतनाल के नेतृत्व में पार्टी नेताओं का एक गुट प्रदेश नेतृत्व, विशेष रूप से विजयेंद्र की आलोचना करता रहा है। इनमें विधायक रमेश जरकीहोली, बीपी हरीश और पूर्व विधायक अरविंद लिंबावली, कुमार बंगारप्पा तथा जीएम सिद्धेश्वर सहित अन्य शामिल हैं।
वे वक्फ मुद्दे पर हाल में पार्टी द्वारा आयोजित प्रदर्शनों से दूरी बनाते हुए इस सिलसिले में समानांतर आंदोलन कर रहे हैं।
यतनाल और जरकीहोली, विजयेंद्र की खुलकर आलोचना करते रहे हैं। उन्होंने विजयेंद्र पर सत्तारूढ़ कांग्रेस के साथ ‘‘समायोजन की राजनीति’’ में लिप्त रहने का आरोप लगाया है। उन्होंने यह भी दावा किया है कि विजयेंद्र और उनके पिता येदियुरप्पा पार्टी (भाजपा) को अपने नियंत्रण में रखने की कोशिश कर रहे हैं।
रेणुकाचार्य ने संवाददाताओं से बात करते हुए यतनाल को ‘‘कांग्रेस का एजेंट’’ बताया।
उन्होंने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री सिद्धरमैया और उप-मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के बीच कई मतभेद हैं। हालांकि, वे बाहर इस बारे में नहीं बोलते लेकिन वह (यतनाल) अनावश्यक टकराव में शामिल हैं। पार्टी नेता और कार्यकर्ता इस तरह की ओछी बातों से हताश हैं, उन्हें यह बंद करना चाहिए। वह (भाजपा के) राष्ट्रीय स्तर के नेताओं से समर्थन मिलने का दावा करते हैं लेकिन नहीं बताते कि वे कौन हैं।’’
पूर्व विधायक ने यतनाल पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा के निर्णयों पर सवाल उठाने तथा येदियुरप्पा एवं पार्टी नेतृत्व के खिलाफ बोलने का भी आरोप लगाया।
सुभाष अविनाश
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