हैदराबाद, 17 सितंबर : तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने शनिवार को आरोप लगाया कि देश और उनके राज्य में सांप्रदायिक ताकतें समाज को बांटने और लोगों में नफरत फैलाने की कोशिश कर रही हैं. राव ने यहां ‘तेलंगाना जातीय समैक्याता दिनोत्सवम’ (तेलंगाना राष्ट्रीय एकता दिवस) पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने के बाद एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि अगर धार्मिक कट्टरता बढ़ती है, तो यह राष्ट्र को नष्ट कर देगी और इसके परिणामस्वरूप मानवीय संबंधों में गिरावट आएगी. राव ने कहा कि धार्मिक कट्टरता चरम पर है. उन्होंने कहा ‘‘वे अपने संकीर्ण हितों के लिए सामाजिक संबंधों में कांटे बोते हैं. वे अपनी जहरीली टिप्पणियों से लोगों में नफरत फैला रहे हैं.’’ राव की यह टिप्पणी केंद्रीय मंत्री अमित शाह द्वारा हैदराबाद के परेड मैदान में ‘हैदराबाद मुक्ति दिवस’ के अवसर पर ध्वजारोहण के कुछ देर बाद आई है. राज्य सरकार ने 17 सितंबर को तेलंगाना जातीय समैक्याता दिनोत्सवम (तेलंगाना राष्ट्रीय एकता दिवस) के रूप में मनाया, जबकि केंद्र ने इसे ‘हैदराबाद मुक्ति दिवस’ नाम दिया है.
तेलंगाना सरकार ने 17 सितंबर को तेलंगाना राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाने के अपने फैसले की तीन सितंबर को घोषणा की थी. 17 सितंबर 1948 को निजाम के शासन वाले हैदराबाद रियासत का भारतीय संघ में विलय कर दिया गया था. राव ने ‘विघटनकारी ताकतों’ पर अपने संकीर्ण और स्वार्थी राजनीतिक हितों को पूरा करने के लिए 17 सितंबर के अवसर को विकृत करने का आरोप लगाया, जो राष्ट्रीय एकता का प्रतीक है. उन्होंने दावा किया कि ये ताकतें जिनका 17 सितंबर की ऐतिहासिक घटनाओं से कोई संबंध नहीं है, तेलंगाना के उज्ज्वल इतिहास को तुच्छ राजनीति से विकृत और प्रदूषित करने की कोशिश कर रही हैं. उन्होंने कहा, ‘‘तेलंगाना समाज सक्रिय रूप से सबसे बौद्धिक तरीके से प्रतिक्रिया करता है. वही सक्रियता और बुद्धि फिर से दिखानी चाहिए.’’ यह भी पढ़ें : विधानसभा चुनाव से पहले ‘मोदी@20’ किताब पर और सत्र आयोजित करेगी भाजपा
राव ने कहा, ‘‘देश के ताने-बाने को तोड़ने की कोशिश कर रही इन दुष्ट और भ्रष्ट ताकतों के कपटपूर्ण प्रयासों को विफल किया जाना चाहिए. मैं आपको एक बार फिर से चेतावनी देना चाहता हूं कि समाज में ऐसे खतरे हैं जो पलक झपकते ही आपको जोखिम में डाल सकते हैं.’’ तेलंगाना का 2014 में गठन होने के बाद की उपलब्धियों को सूचीबद्ध करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि औद्योगिक क्षेत्र में पिछले आठ वर्षों में 2,32,111 करोड़ रुपये का निवेश हुआ है, जिससे 16.50 लाख नौकरियों के अवसर पैदा हुए हैं. केसीआर ने कहा कि 2014 के 57,000 करोड़ रुपये से अधिक के निर्यात की तुलना में 2021 में 1.84 लाख करोड़ रुपये के निर्यात के साथ तेलंगाना आईटी के क्षेत्र में अद्वितीय प्रगति कर रहा है.