नयी दिल्ली, 10 फरवरी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मंगलवार से संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की दो दिवसीय यात्रा करेंगे, जिस दौरान वह राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान के साथ विभिन्न विषयों पर वार्ता करेंगे और अबू धाबी में पहले हिंदू मंदिर का उद्घाटन करेंगे. विदेश मंत्रालय (एमईए) ने शनिवार को यात्रा की घोषणा करते हुए कहा कि यह 2015 के बाद से प्रधानमंत्री की संयुक्त अरब अमीरात की सातवीं यात्रा होगी.
इसमें कहा गया है कि मोदी और अल नाहयान दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को और गहरा, विस्तारित और मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा करेंगे और आपसी हित के क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान करेंगे. विदेश मंत्रालय ने कहा, "प्रधानमंत्री संयुक्त अरब अमीरात के उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री शेख मोहम्मद बिन राशिद अल मकतूम से भी मुलाकात करेंगे."
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, "उनके निमंत्रण पर, प्रधानमंत्री दुबई में आयोजित होने वाले वर्ल्ड गवर्नमेंट समिट 2024 में सम्मानित अतिथि के रूप में भाग लेंगे और शिखर सम्मेलन में एक विशेष संबोधन देंगे." मंत्रालय ने बयान में कहा कि मोदी अबू धाबी में पहले हिंदू मंदिर बीएपीएस मंदिर का उद्घाटन भी करेंगे, साथ ही वह जायद स्पोर्ट्स सिटी में एक कार्यक्रम में संयुक्त अरब अमीरात में भारतीय समुदाय के लोगों को भी संबोधित करेंगे.
विदेश मंत्रालय ने कहा, "भारत और यूएई के बीच मजबूत राजनीतिक, सांस्कृतिक और आर्थिक संबंधों पर आधारित मधुर, घनिष्ठ और बहुआयामी संबंध हैं." अगस्त 2015 में मोदी की यूएई की ऐतिहासिक यात्रा के बाद, दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को व्यापक रणनीतिक साझेदारी तक बढ़ाया गया. दोनों देशों ने फरवरी 2022 में एक व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते (सीईपीए) और सीमा पार लेनदेन के लिए भारतीय रुपये और एईडी (संयुक्त अरब अमीरात दिरहम) के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए जुलाई 2023 में एक स्थानीय मुद्रा निपटान (एलसीएस) प्रणाली पर हस्ताक्षर किए.
आधिकारिक आंकड़े के अनुसार, 2022-23 में लगभग 85 अरब अमेरिकी डॉलर के द्विपक्षीय व्यापार के साथ दोनों देश एक-दूसरे के शीर्ष व्यापारिक साझेदारों में से एक हैं. साल 2022-23 में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के मामले में यूएई भारत के शीर्ष चार निवेशकों में से एक है. विदेश मंत्रालय ने कहा, "लगभग 35 लाख की आबादी वाला भारतीय समुदाय संयुक्त अरब अमीरात में सबसे बड़ा प्रवासी समूह है. अपने मेजबान देश के विकास में उनका सकारात्मक और सराहनीय योगदान हमारे उत्कृष्ट द्विपक्षीय जुड़ाव का एक महत्वपूर्ण आधार रहा है."
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