Kolkata Doctor Rape-Murder Case: कोलकाता मामले पर राष्ट्रपति की ‘निराशा’ महिला सुरक्षा पर बंगाल सरकार की ‘उदासीनता’ दर्शाती- CM योगी
CM Yogi Adityanath | PTI

लखनऊ, 29 अगस्त : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को कहा कि कोलकाता में एक चिकित्सक के साथ बलात्कार और हत्या मामले को लेकर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की निराशा पश्चिम बंगाल सरकार की महिला सुरक्षा के प्रति ‘पूर्ण उदासीनता’ और ‘अक्षम्य असंवेदनशीलता’ को जाहिर करती है. राष्ट्रपति मुर्मू ने महिलाओं के खिलाफ अपराधों पर आक्रोश जाहिर करने के साथ ही इस पर अंकुश लगाने का आह्वान करते हुए बुधवार को कहा कि बस! बहुत हो चुका. राष्ट्रपति ने कहा कि अब समय आ गया है कि भारत ऐसी ‘‘विकृतियों’’ के प्रति जागरूक हो और उस मानसिकता का मुकाबला करे जो महिलाओं को ‘‘कम शक्तिशाली’’, ‘‘कम सक्षम’’ और ‘‘कम बुद्धिमान’’ के रूप में देखती है.

राष्ट्रपति ने 'पीटीआई' के लिए एक विशेष हस्ताक्षरित लेख में कहा, "जो लोग इस तरह के विचार रखते हैं, वे आगे बढ़कर महिलाओं को एक वस्तु के रूप में देखते हैं... अपनी बेटियों के प्रति हमारा यह दायित्व है कि हम उनके भय से मुक्ति पाने के मार्ग से बाधाएं दूर करें." इसके कुछ घंटों के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर कहा, ‘‘माननीय राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु द्वारा कोलकाता में महिला डॉक्टर के साथ हुई वीभत्स घटना के प्रति व्यक्त निराशा पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार की नारी सुरक्षा के प्रति घोर उदासीनता और अक्षम्य असंवेदनशीलता को प्रकट करती है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘टीएमसी सरकार का अधिनायकवादी, नारी विरोधी आचरण निःसंदेह लोकतंत्र को लज्जित, मानवता को अपमानित और सभ्य समाज को शर्मसार करने वाला है." यह भी पढ़ें : Gujarat Flood: गुजरात में बारिश और बाढ़ से 26 लोगों की मौत, प्रभावितों की मदद के लिए सेना ने संभाली जिम्मेदारी

मुख्यमंत्री ने कहा, "देवी पूजा की संस्कृति को धारण करने वाली पावन धरा 'आमार शोनार बांग्ला' में मातृशक्ति की सुरक्षा में पूर्णतः असफल वहां की सरकार को समूची मातृशक्ति और देश से अविलंब माफी मांगनी चाहिए.’’ यह पहली बार है जब मुर्मू ने लेख के जरिये विगत नौ अगस्त की कोलकाता में एक महिला डॉक्टर की बलात्कार के बाद हत्या की देश को झकझोर देने वाली घटना पर अपने विचार व्यक्त किए हैं. राष्ट्रपति ने यह लेख 'पीटीआई' के वरिष्ठ संपादकों की एक टीम के साथ सामयिक मुद्दों पर विस्तृत बातचीत के बाद दिया. संपादकों ने 27 अगस्त, 1947 को समाचार एजेंसी की स्थापना की 77वीं वर्षगांठ के अवसर पर राष्ट्रपति भवन में उनसे मुलाकात की.