नयी दिल्ली, 13 मई विश्व हिन्दू परिषद (विहिप)ने पश्चिम बंगाल में हुई चुनाव पश्चात हिंसा के मामले में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से हस्तक्षेप करने का अनुरोध करते हुए आरोप लगाया कि राज्य में भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं पर हमले किए जा रहे हैं।
राज्य में स्थिति को ‘चिंताजनक’ बताते हुए विहिप ने राष्ट्रपति से इसपर संज्ञान लेने तथा केन्द्र सरकार को पश्चिम बंगाल में विधि का शासन बहाल करने के लिए उचित कदम उठाने की सलाह देने का अनुरोध किया।
राष्ट्रपति को मंगलवार को लिखे गए एक पत्र में विहिप ने आरोप लगाया, ‘‘पश्चिम बंगाल में प्रदेश भर में हो रही भीषण, उन्मादपूर्ण एवं उन्मुक्त हिंसा एजेंडा से प्रेरित एवं पूर्व नियोजित एवं सोच समझकर की जा रही है।’’
विहिप ने दावा किया कि राज्य में विधानसभा चुनावों के दौरान तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने धमकी देते हुए कहा था कि राज्य में केन्द्रीय बल सिर्फ चुनाव तक ही रहेंगे तथा चुनाव के बाद सत्ता की बागडोर उनके हाथों में होगी। गौरतलब है कि बनर्जी की पार्टी ने विधानसभा चुनाव में बड़ी जीत हासिल की है।
विहिप के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने आरोप लगाया, ‘‘पश्चिम बंगाल में चुनाव परिणाम की घोषणा के साथ, सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ‘जेहादियों’ के साथ मिलकर राज्य में बेहद क्रूरतापूर्ण हिंसा का अंजाम दे रही है।’’
उन्होंने आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस नीत सरकार राज्य के सभी निवासियों की कानून के तहत सुरक्षा सुनिश्चित करने के अपने दायित्व को निभाने में ‘‘विफल’’ हो रही है।
विहिप नेता ने कहा, ‘‘ऐसा लगता है कि पुलिस और प्रशासन को नजर फेर लेन और हिंसक घटनाओं की अनदेखी करने को कहा गया है। यह 1946 की ‘कलकत्ता की भीषण हत्याओं’ वाली ‘प्रत्यक्ष कार्रवाई’ का स्मरण दिलाती है, जो पाकिस्तान का समर्थन करने वाले मुस्लिम लीग द्वारा अंजाम दी गयी थी।’’
भाजपा ने आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल में चुनाव बाद हुई हिंसा में उसके नौ कार्यकर्ता मारे गए हैं जबकि विभिन्न घटनाओं में अन्य कई घायल हुए हैं।
हालांकि, तृणमूल कांग्रेस ने भाजपा के इन आरोपों से इंकार किया है।
विहिप का दावा है, ‘‘तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं और जेहादियों की साठगांठ से विपक्ष के कार्यकर्ताओं की खुलेआम हत्या की जा रही है। कूच बिहार से लेकर सुन्दरबन तक, हिन्दुओं को डरा कर भगाने और अपना मूल निवास छोड़ने को विवश किया जा रहा है।’’
पश्चिम बंगाल में चुनाव बाद हिंसा को लेकर राष्ट्रपति से हस्तक्षेप की मांग करते हुए विहिप ने कहा कि बिना देरी किए दंगाई की पहचान की जानी चाहिए, जांच पूरी की जानी चाहिए और हिंसा में शामिल लोगों को त्वरित अदालतों की मदद से ‘‘जल्दी सजा’’ दिलायी जानी चाहिए।
विहिप ने मांग किया कि दंगा प्रभावित लोगों का पुनर्वास किया जाए और जानमाल की क्षति के लिए सरकार उन्हें मुआवजा दे।
विहिप नेता ने राष्ट्रपति को लिखे पत्र में कहा है, ‘‘चूंकि हिंसा बिना किसी उकसावे के जारी है, इससे देश के सामने यह साफ हो गया है कि जबतक पश्चिम बंगाल प्रशासन पर नकेल नहीं कसी जाएगी और तुरंत संतुलन नहीं बनाया जाएगा, यह बहुत बर्बादी फैला सकता है। ऐसा भी संभव है कि कुछ जगहों पर हिन्दू समाज को अपनी सुरक्षा के लिए स्वयं तरीके खोजने पड़ेंगे। दोनों ही हालात पूरे देश के लिए चिंता की बात हैं।’’
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