पुणे, 30 नवंबर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपी) के प्रमुख शरद पवार ने शनिवार को आरोप लगाया कि महाराष्ट्र में पूरे चुनावी तंत्र को नियंत्रित करने के लिए सत्ता और धन का दुरुपयोग हुआ जो पहले कभी किसी विधानसभा या राष्ट्रीय चुनाव में नहीं देखा गया।
पवार ने यह बयान कार्यकर्ता डॉ. बाबा आढाव से मुलाकात के दौरान दिया। आढाव महाराष्ट्र में हाल में हुए विधानसभा चुनाव में कथित रूप से ‘‘ईवीएम के दुरुपयोग’’ के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं।
आढाव (90) ने बृहस्पतिवार को समाज सुधारक ज्योतिबा फुले के पुणे स्थित निवास फुले वाडा में अपना तीन दिवसीय प्रदर्शन शुरू किया।
विपक्षी महा विकास आघाडी (एमवीए) के सहयोगी दलों कांग्रेस, शिवसेना (उबाठा) और राकांपा (एसपी) ने हाल में हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में ईवीएम में गड़बड़ी का आरोप लगाया है। इस चुनाव में महायुति को भारी जीत मिली थी।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के महायुति गठबंधन ने 288 सीट में से 230 सीट पर जीत दर्ज की। कांग्रेस, शिवसेना (उबाठा) और राकांपा (एसपी) के विपक्षी महा विकास आघाडी (एमवीए) ने सामूहिक रूप से केवल 46 सीट जीतीं।
पवार ने पत्रकारों से कहा कि देश में हाल में चुनाव हुए हैं और लोगों में इन्हें लेकर बेचैनी है। उन्होंने कहा कि बाबा आढाव का आंदोलन इसी बेचैनी का प्रतिनिधित्व करता है।
उन्होंने कहा, ‘‘लोगों में यह सुगबुगाहट है कि महाराष्ट्र में हाल में हुए चुनाव में ‘सत्ता का दुरुपयोग’ और ‘बड़ी मात्रा में धन का इस्तेमाल’ हुआ जो पहले कभी नहीं देखा गया। स्थानीय स्तर के चुनावों में ऐसी बातें सुनने को मिलती हैं, लेकिन धन की मदद से पूरे चुनावी तंत्र पर कब्जा और सत्ता का दुरुपयोग पहले कभी नहीं देखा गया। बहरहाल, हमने महाराष्ट्र में ऐसा देखा और लोग अब बेचैन हैं।’’
पवार ने कहा कि लोग दिवंगत समाजवादी विचारक जयप्रकाश नारायण को याद कर रहे हैं और उन्हें लगता है कि किसी को आगे आकर कदम उठाना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने सुना कि बाबा आढाव ने इस मुद्दे पर अगुवाई की है और वह फुले वाडा में आंदोलन कर रहे हैं। उनका विरोध लोगों में उम्मीद जगाता है लेकिन यह पर्याप्त नहीं है। संसदीय लोकतंत्र के नष्ट होने का खतरा मंडरा रहा है, इसलिए जन विद्रोह जरूरी है।’’
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जिनके हाथ में देश की बागडोर है, उन्हें इसकी कोई चिंता नहीं है।
उन्होंने कहा, ‘‘देश में इस मुद्दे (ईवीएम के कथित दुरुपयोग) पर व्यापक चर्चा के बावजूद विपक्ष संसद में जब भी इसे उठाने की कोशिश करता है, तो उसे बोलने नहीं दिया जाता। विपक्षी नेता छह दिन से इन मुद्दों पर बोलने का अवसर मांग रहे हैं, लेकिन उनकी मांगें एक बार भी स्वीकार नहीं की गईं। इससे पता चलता है कि वे संसदीय लोकतंत्र पर हमला करना चाहते हैं।’’
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