बेंगलुरु, 21 अक्टूबर बेंगलुरु में भारी बारिश के बीच बाढ़ प्रभावित कई इलाकों के लोगों ने सोशल मीडिया पर जलभराव से लेकर ‘चरमराते’ बुनियादी ढांचे की शिकायत तक अपनी परेशानियां साझा की हैं।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने सोमवार को बेंगलुरु शहरी और बेंगलुरु ग्रामीण दोनों के लिए ‘येलो अलर्ट’ जारी किया है।
सिल्क बोर्ड जैसे शहर के कई महत्वपूर्ण चौराहों के जलमग्न हो जाने के कारण एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाना मुश्किल हो गया है जिसे देखते हुए स्कूलों में अवकाश घोषित कर दिया गया है।
बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका ने एक परामर्श जारी कर लोगों से आग्रह किया है कि वे जहां तक हो सके, “घरों में रहें, खिड़कियां और दरवाजे बंद रखें और अगर संभव हो तो यात्रा करने से बचें।” लेकिन बेंगलुरु के कुछ हिस्सों में तेज धूप निकलने के कारण इन घोषणाओं की इंटरनेट उपयोगकर्ताओं द्वारा आलोचना की गई।
हालांकि, प्रभावित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों ने जलमग्न सड़कों के वीडियो तथा फोटो सोशल मीडिया के माध्यम से साझा किए और छुट्टियों की आवश्यकता तथा घर से काम करने के विकल्प को उचित ठहराया है।
‘बेंगलुरु रेन’ के माध्यम से शहर में बारिश की जानकारी रखने वाले जलवायु वैज्ञानिक प्रदीप ने कहा कि अक्टूबर में सुबह के समय ऐसी आंधी यदा-कदा ही चलती है। उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर ‘बेंगलुरु रेन अलर्ट’ पेज पर पोस्ट किया, ‘‘पश्चिम बेंगलुरु के कुछ हिस्सों में 60 मिलीमीटर से अधिक बारिश हुई है।’’
नवजात रोग विशेषज्ञ डॉ. राजथ अथरेया ने आउटर रिंग रोड (ओआरआर) से वीडियो पोस्ट किए और कहा, ‘‘यह ओआरआर के उस हिस्से का है, जहां आमतौर पर पानी नहीं भरता। अगर किसी को सड़कों पर निकलने की खास जरूरत नहीं है तो कृपया बाहर न निकलें।’’
‘सिटिजन मूवमेंट ईस्ट बेंगलुरु’ के आधिकारिक पेज ने भी नागरिकों पर लगाए जाने वाले करों और बुनियादी ढांचे की गुणवत्ता पर सवाल उठाए।
कुछ लोगों ने सुबह आठ बजे छुट्टी घोषित करने पर भी सवाल उठाए और कहा कि ऐसे समय में घोषणा हुई जब अधिकतर स्कूली छात्र पहले से ही अपने स्कूलों में पहुंच चुके हो या फिर रास्ते पर होंगे।
यहां एक तेलुगु टेलीविजन चैनल के प्रबंध संपादक वी. चंद्रमौली ने सुबह करीब आठ बजे सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया कि उनके क्षेत्र में भारी बारिश हो रही है तथा अभिभावक अभी भी स्कूल प्रबंधन से छुट्टी घोषित करने के संदेश का इंतजार कर रहे हैं।
इस बीच घरों से बाहर निकले लोगों को भारी यातायात जाम जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ा।
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