देश की खबरें | पीडीपी ने बादामीबाग छावनी के निवासियों पर लगाए गए ‘संपत्ति कर’ को वापस लेने की मांग की

श्रीनगर, 11 जून श्रीनगर के बादामीबाग छावनी बोर्ड क्षेत्र के कुछ निवासियों द्वारा संपत्ति कर देने संबंधी नोटिस मिलने का दावा किए जाने के बाद शुक्रवार को पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी ने इसे वापस लेने की मांग की।

पीडीपी के मुख्य प्रवक्ता सुहैल बुखारी ने यहां एक प्रेस वार्ता में कहा कि बादामीबाग छावनी बोर्ड के अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत रहने वालों पर मनमाने ढंग से संपत्ति कर लगाने का निर्णय लिया गया है और इसे तत्काल वापस लिया जाना चाहिए।

बादामीबाग छावनी बोर्ड, रक्षा मंत्रालय के अधीन एक स्वायत्त संस्था है। बुखारी ने कहा कि ऐसी खबरें मिली हैं कि छावनी बोर्ड के अधिकार क्षेत्र में रहने वालों को संपत्ति कर देने को कहा जा रहा है। वर्ष 2019 से परेशान लोगों की सहायता करने की बजाय सरकार लोगों को और विकट स्थिति में धकेल रही है।

उन्होंने कहा कि स्थानीय लोगों से संपत्ति कर वसूलने का निर्णय तत्काल वापस लिया जाना चाहिए क्योंकि घाटी के लोग आर्थिक तंगी झेल रहे हैं। बोर्ड की वेबसाइट के अनुसार, बादामीबाग छावनी 1954 में स्थापित ‘क्लास दो’ छावनी है और इसका क्षेत्रफल 1458.537 एकड़ है जिसमें से 313.50 एकड़ असैन्य क्षेत्र है।

नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता अहसान परदेशी ने छावनी बोर्ड द्वारा कथित तौर पर कर लगाए जाने पर चिंता प्रकट करते हुए कहा कि लोग काफी तनाव में हैं और कर चुकाने की उनकी हैसियत नहीं है।

जम्मू कश्मीर अपनी पार्टी (जेकेएपी) के प्रांतीय अध्यक्ष (कश्मीर) मोहम्मद अशरफ मीर ने भी बोर्ड द्वारा कर लगाए जाने पर आपत्ति जतायी। उन्होंने कहा कि इस मनमाने फैसले से लोगों की मुश्किलें और बढ़ेंगी जो पहले से कई दिक्कतों का सामना कर रहे हैं। उन्होंने मामले में केंद्र सरकार से भी हस्तक्षेप की मांग की है।

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