देश की खबरें | पटेल ने कहा, उच्चतम न्यायालय के आदेश से ‘लंबे समय से चले आ रहे मुद्दे’ का अंत हो गया

नयी दिल्ली, 20 मई अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) अध्यक्ष के तौर पर कार्यकाल से अधिक समय तक रहने के कारण उच्चतम न्यायालय द्वारा पद से हटाये जाने के बाद प्रफुल्ल पटेल ने शुक्रवार को इस आदेश को स्वीकार कर लिया और कहा कि इससे ‘लंबे समय से चले आ रहे लंबित मुद्दे का समापन’ हो गया।

एआईएफएफ में पटेल का कार्यकाल उच्चतम न्यायालय द्वारा बुधवार को राष्ट्रीय महासंघ के दिन प्रतिदिन के मामलों को चलाने के लिये तीन सदस्यीय प्रशासकों की समिति (सीओए) गठित करने के बाद खत्म हुआ।

उच्चतम न्यायालय ने न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) एआर दवे की अध्यक्षता में एक पैनल चुना जिसमें पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी और भारतीय फुटबॉल टीम के पूर्व कप्तान भास्कर गांगुली सदस्य हैं।

पटेल ने बयान में कहा, ‘‘मैं 2017 से लंबे समय से चले आ रहे लंबित मुद्दे को अंतिम रूप देने के लिये उच्चतम न्यायालय का धन्यवाद करता हूं। मैं सीओए को शुभकामनायें देता हूं और उनसे अनुरोध करता हूं कि वे राष्ट्रीय खेल संहिता के अनुरूप एक नया संविधान बनाने की अपनी जिम्मेदारी को पूरा करें। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘एक त्वरित समाधान और एक नवनियुक्त चुनी हुई संस्था भारतीय फुटबॉल के सर्वश्रेष्ठ हित में काम करेगी। ’’

पटेल ने साथ ही कहा कि एआईएफएफ का संविधान पहले ही व्यापक रूप से खेल संहिता के अनुरूप काम कर रहा था जबकि इस दौरान एएफसी और फीफा नियमों का भी ध्यान रखा जा रहा था।

पटेल ने साथ ही यह भी स्वीकार किया कि वह खेल संहिता के अनुसार दोबारा चुनाव के लिये योग्य नहीं थे।

उन्होंने कहा, ‘‘चुनी हुई समिति का कार्यकाल दिसंबर 2020 में खत्म हो गया था और हमने इस मामले के जल्दी हल और उचित निर्देशों के लिये नवंबर 2020 में उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। ’’

पटेल ने कहा, ‘‘एआईएफएफ संविधान व्यापक रूप से खेल संहिता 2011 के उम्र और कार्यकाल सीमा का पालन करता है इसलिये मैं पद से हटने ही जा रहा था क्योंकि मैं दोबारा चुनाव के लिये योग्य नहीं था। ’’

पटेल का कार्यालय में तीसरा कार्यकाल दिसंबर 2020 में खत्म हो गया था लेकिन वह उच्चतम न्यायालय के 2017 से लंबित एक मामले पर फैसले के इंतजार में पद पर बने रहें जिसमें उनकी कार्यकारी समिति के कार्यकाल को बढ़ाने की बात की गयी थी और साथ ही वह उच्चतम न्यायालय द्वारा नये संविधान के मुद्दे का निपटारा होने तक चुनाव कराने से इनकार करते रहे।

यह पहली बार है जब सीओए ने एआईएफएफ की जिम्मेदारी संभाली है।

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