मुंबई: महाराष्ट्र के पालघर जिले में चोर होने के संदेह में बृहस्पतिवार रात तीन लोगों की भीड़ द्वारा पीट-पीट कर हत्या कर देने के मामले में राज्य सरकार ने उच्च स्तरीय जांच का आदेश दिया है. वहीं मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने आज कहा कि इस मामले में दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलायी जाएगी. राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) ने रविवार को जांच का आदेश दिए जाने की जानकारी देते हुए इस घटना को कोई सांप्रदायिक रंग नहीं देने की भी चेतावनी दी, क्योंकि तीन मृतकों में दो लोग साधु बताये जा रहे हैं.
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री कार्यालय के ट्विटर हैंडल से देर रात ट्वीट किया गया है. उसमें मुख्यमंत्री ने कहा है, ‘‘पालघर की घटना पर कार्रवाई हुई है. पुलिस ने दो साधुओं, एक ड्राइवर और घटना के वक्त ही पुलिसकर्मियों पर हमला करने के सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है.’’ उन्होंने कहा है, ‘‘इस जघन्य अपराध और शर्मनाक घटना के किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा और उन्हें जितनी कड़ी सजा संभव है दिलायी जाएगी.’’ वहीं गृह मंत्री देशमुख ने ट्वीट किया, '' सूरत जा रहे तीन लोगों की पालघर में हुई हत्या में संलिप्त 101 लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया है. हत्या के मामले में मैंने उच्च स्तरीय जांच का आदेश दिया है.'' यह भी पढ़ें: पालघर में मॉब लिंचिंग, चोर समझकर ड्राइवर समेत 3 लोगों की पीट-पीटकर हत्या
पालघर येथे घडलेल्या घटनेवर कारवाई करण्यात आली आहे. ज्या दिवशी गुन्हा घडला, त्याच दिवशी पोलिसांनी २ साधू, १ ड्रायव्हर आणि पोलिस कर्मचार्यांवर हल्ला करणाऱ्या सर्व आरोपींना अटक केली आहे. या गुन्ह्यातील आणि लज्जास्पद कृत्यातील आरोपींना शक्य तितकी कडक शिक्षा करण्यात येईल.
— CMO Maharashtra (@CMOMaharashtra) April 19, 2020
देशमुख ने कहा कि पुलिस ऐसे लोगों पर करीबी नजर रख रही है, जो इस घटना के जरिए समाज में वैमनस्य पैदा करना चाहते हैं. देशमुख ने कहा, '' पालघर की घटना में जो लोग मारे गए और जिन्होंने हमला किया, वह अलग-अलग धर्मों के नहीं थे.'' उल्लेखनीय है कि यह घटना उस समय हुई, जब बृहस्पतिवार रात तीन व्यक्ति मुंबई के कांदीवली से कार में सवार होकर गुजरात के सूरत जा रहे थे. इसी दौरान, पालघर जिले में भीड़ ने इन्हें चोर समझकर उनके वाहन को रोक लिया और उनकी पीट-पीट कर हत्या कर दी. बीजेपी के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मुख्यंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की थी.