इस्लामाबाद, 26 जून पाकिस्तानी सेना ने सोमवार को कहा कि नौ मई को पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद हुए हिंसक विरोध प्रदर्शन के दौरान सैन्य प्रतिष्ठानों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में विफल रहने पर एक लेफ्टिनेंट-जनरल सहित तीन अधिकारियों को बर्खास्त कर दिया गया और तीन मेजर जनरल तथा सात ब्रिगेडियर के खिलाफ कार्रवाई की गई है।
खान की पार्टी के कार्यकर्ताओं ने लाहौर कोर कमांडर हाउस, मियांवाली एयरबेस और फैसलाबाद में आईएसआई भवन सहित 20 से अधिक सैन्य प्रतिष्ठानों और सरकारी भवनों में तोड़फोड़ की थी। रावलपिंडी में सेना मुख्यालय (जीएचक्यू) पर भी भीड़ ने हमला किया था।
सैन्य प्रवक्ता मेजर जनरल अरशद शरीफ ने बताया कि सेना ने पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के समर्थकों के विरोध प्रदर्शन के संबंध में दो बार जांच कराई और कार्रवाई की।
उन्होंने बताया, ‘‘जवाबदेही प्रक्रिया पर विचार-विमर्श करने और अदालती जांच ध्यान में रखते हुए, उन लोगों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू की गई जो सैन्य प्रतिष्ठानों, जिन्ना हाउस और जनरल मुख्यालय की सुरक्षा और सम्मान को बरकरार रखने में नाकाम रहे।’’
शरीफ ने बताया कि एक लेफ्टिनेंट-जनरल सहित तीन अधिकारियों को हटा दिया गया है और तीन मेजर जनरल और सात ब्रिगेडियर सहित अन्य अधिकारियों के खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक कार्यवाही पूरी कर ली गई है।
उन्होंने बताया कि जांच मेजर जनरल स्तर के अधिकारियों द्वारा की गई। शरीफ ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘(नौ मई की हिंसा में) शामिल सभी लोगों को संविधान और कानून के तहत दंडित किया जाएगा।’’
उन्होंने नौ मई की घटना को ‘‘बेहद निराशाजनक, निंदनीय और देश के इतिहास में एक काला अध्याय’’ बताया।
नौ मई की हिंसा पर सरकार और सेना की ओर से कड़ी प्रतिक्रिया हुई और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की गई है।
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