नयी दिल्ली, आठ मार्च राज्यसभा में सोमवार को कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्षी सदस्यों ने विभिन्न पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में वृद्धि को लेकर हंगामा किया जिसके कारण उच्च सदन की बैठक एक बार के स्थगन के बाद दोपहर एक बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी।
सभापति एम वेंकैया नायडू ने शून्यकाल में कहा कि उन्हें नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खडगे की ओर नियम 267 के तहत कार्यस्थगन नोटिस मिला है जिसमें उन्होंने पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में वृद्धि के मुद्दे पर चर्चा का अनुरोध किया है।
नियम 267 के तहत सदन का सामान्य कामकाज स्थगित कर किसी अत्यावश्यक मुद्दे पर चर्चा की जाती है।
नायडू ने कहा कि उन्होंने इसे स्वीकार नहीं किया है क्योंकि सदस्य मौजूदा सत्र में विनियोग विधेयक पर चर्चा के दौरान एवं अन्य मौकों पर इस संबंध में अपनी बात रख सकते हैं।
कांग्रेस नीत विपक्ष इस मुद्दे को उठाने की मांग करता रहा। खडगे ने पिछले कुछ दिनों में पेट्रोल और डीजल व रसोई गैस की कीमतों में हुयी वृद्धि का जिक्र किया और कहा कि लोग इस संबंध में सरकार की बात सुनना चाहते हैं।
लेकिन सभापति नायडू ने इस पर चर्चा की अनुमति नहीं दी और सदन में प्रश्नकाल शुरू कराया। इस दौरान विपक्षी सदस्यों का हंगामा जारी रहा और कुछ सदस्य आसन के समीप भी आ गए।
सदन में हंगामा थमते नहीं देख सभापति ने करीब 10 बजे बैठक मंगलवार पूर्वाह्न 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
एक बार के स्थगन के बाद 11 बजे बैठक शुरू होने पर भी विपक्ष ने पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में वृद्धि के मुद्दे पर चर्चा की मांग दोहरायी। लेकिन उपसभापति हरिवंश ने कहा कि सभापति ने पहले ही इस संबंध में अपनी व्यवस्था दे दी है और उस पर पुनर्विचार नहीं किया जा सकता।
उन्होंने कहा कि सदस्यों को विभिन्न मंत्रालयों के कामकाज और विनियोग विधेयक पर चर्चा के दौरान सदस्यों को अपनी बात रखने का अवसर मिलेगा।
इस पर नेता प्रतिपक्ष खडगे ने कहा कि यह ऐसा मुद्दा है जिसे टाला नहीं जा सकता।
उपसभापति ने सदस्यों से शांत रहने और सदन का कामकाज चलने देने की अपील की। लेकिन इसका असर नहीं होते देख उन्होंने 11 बजकर करीब पांच मिनट पर बैठक दोपहर एक बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
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