ठाणे, 8 अप्रैल : महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) ने अडाणी मुद्दे पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार की बातों पर ध्यान देने का आह्वान कर कांग्रेस और शिवसेना (यूबीटी) (रिपीट) यूबीटी पर निशाना साधा. अमेरिका स्थित हिंडनबर्ग रिसर्च ने अरबपति गौतम अडाणी के कारोबारी समूह के शेयर और लेखांकन में बड़े पैमाने पर हेराफेरी का आरोप लगाया था, जिसके बाद कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दल केंद्र सरकार पर हमलावर हैं. अडाणी समूह ने इन आरोपों का खंडन किया है. एनडीटीवी के साथ एक साक्षात्कार में पवार ने अडाणी समूह का बचाव किया था और उसके संबंध में हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के आधार पर गढ़े जा रहे विमर्श की आलोचना की थी.
उन्होंने कहा था, ‘‘पहले भी कुछ अन्य लोगों द्वारा ऐसे बयान दिए गए थे और इनके कारण कुछ दिनों तक संसद में व्यवधान हुआ था, लेकिन इस बार इस मुद्दे को बहुत ज्यादा ही तूल दिया जा रहा है.’’ पवार ने कहा था, ‘‘जो मुद्दे सामने रखे गए, उन्हें किसने रखा, हमने कभी इन लोगों के बारे में नहीं सुना, जिन्होंने बयान दिया, (उनकी) पृष्ठभूमि क्या है? जब वे ऐसे मुद्दे उठाते हैं, जिससे देश में बवाल मचता है, तो उसकी कीमत देश की अर्थव्यवस्था को चुकानी पड़ती है, हम इन बातों को नजरअंदाज नहीं कर सकते. यह मालूम पड़ता है कि ऐसा लक्षित करके किया जाता है.’’ यह भी पढ़ें : स्तन के घनत्व का पता लगा सकता है ‘डीप लर्निंग मॉडल’, कैंसर के खतरे का पता लगाने में मददगार होगा
शुक्रवार रात को कल्याण में एक कार्यक्रम के बाद शिंदे ने कहा, ‘‘कांग्रेस ने अडाणी समूह में 20,000 करोड़ रुपये को लेकर स्पष्टीकरण की मांग करते हुए आंदोलन शुरू किया है. यहां तक उद्धव ठाकरे ने भी लगातार इस मुद्दे पर बयान दिया है. अब पवार ने टिप्पणी की है, ऐसे में जो लोग प्रदर्शन कर रहे हैं, उन्हें उनकी टिप्पणी पर ध्यान देना चाहिए.’’ मुख्यमंत्री ने कहा कि पवार बहुत वरिष्ठ नेता हैं और काफी अध्ययन के बाद ही उन्होंने कुछ बोला होगा, इसलिए जो लोग प्रदर्शन कर रहे हैं, उन्हें अपना रूख स्पष्ट करना चाहिए. शिंदे कांग्रेस और शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पर निशाना साध रहे थे, जो महा विकास आघाड़ी (एमवीए) में राकांपा के साथ घटक दल हैं. एकनाथ शिंदे नीत सरकार से पहले महाराष्ट्र में एमवीए ही सत्तासीन था.