नयी दिल्ली, 27 अप्रैल : कांग्रेस ने चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) के पार्टी में शामिल होने से इनकार करने के बाद, भविष्य में उनकी बतौर सलाहकार सेवा लेने से जुड़े सवाल पर बुधवार को कहा कि वह एक जीवंत संगठन है और सुझाव के लिए उसके खिड़की एवं दरवाजे खुले रहते हैं. पार्टी प्रवक्ता पवन खेड़ा ने यह भी कहा कि किशोर ने कांग्रेस के ‘यज्ञ’ में शामिल होने से क्यों मना किया, इसके कारण वह खुद बता सकते हैं. प्रशांत किशोर ने कांग्रेस में शामिल होने के पार्टी नेतृत्व के प्रस्ताव को मंगलवार को ठुकरा दिया और कहा कि देश की सबसे पुरानी पार्टी में घर कर गई ढांचागत समस्याओं को दूर करने के लिए उनसे ज्यादा जरूरी यह है कि कांग्रेस में नेतृत्व और सामूहिक इच्छाशक्ति हो.
पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने किशोर को कांग्रेस के ‘विशेषाधिकार प्राप्त कार्य समूह -2024’ का हिस्सा बनकर पार्टी में शामिल होने की पेशकश की थी. खेड़ा ने संवाददाताओं से बातचीत में किशोर के बारे में कहा, ‘‘एक मौका उन्हें दिया गया था कि आप भी इस यज्ञ में शामिल हो जाइए. पता नहीं, क्या कारण है कि वह इसमें शामिल नहीं हुए. उनके क्या कारण रहे होंगे, वह ही बताएंगे.’’ यह पूछे जाने पर कि क्या भविष्य में किशोर की सलाह ली जाएगी, कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, ‘‘कांग्रेस पार्टी के खिड़की, दरवाजे खुले रहते हैं. सबकी सलाह सुनते हैं. हम एक जीवंत संगठन हैं... कभी खिड़की, दरवाजे बंद नहीं रखते.’’ उन्होंने कहा, ‘‘जिन मूल्यों से विश्व भर में भारत की पहचान बनी हैं. यह भी पढ़ें : देश की खबरें | भारत का ग्रीनहाउस गैस समस्या में योगदान नहीं, लेकिन समाधान में भूमिका निभाएगा: पर्यावरण मंत्री
उन्हीं मूल्यों से कांग्रेस की पहचान इस देश में 137 वर्षों से है. वह व्यक्तियों से महत्वपूर्ण है. जब मैं बोलता हूं कि कांग्रेस व्यक्ति से बड़ी है तो इसका अर्थ यह है कि वह राहुल गांधी हों, प्रणव झा हों या फिर पवन खेड़ा हों, कोई हो, पार्टी उन सबसे बड़ी है.’’ खेड़ा ने कहा, ‘‘कांग्रेस जब जब संघर्ष के रास्ते से भटकी है, उसने सत्ता गंवाई है. हमें मालूम है कि हमें संघर्ष के रास्ते पर आना है. जब इतनी बड़ी पार्टी कोई निर्णय लेती है तो उसमें समय लगता है. हम तैयार हैं कि हमें राष्ट्र निर्माण की प्रक्रिया फिर से आरंभ करनी है. पूरा देश प्रतीक्षा कर रहा है कि कांग्रेस कब संघर्ष की शैली में पूरी तरह सामने आए.’’