मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिया है कि लगभग 10 लाख लोगों के लिए तत्काल पृथक-वास केंद्र, आश्रय गृह और सामुदायिक रसोई तैयार किये जाएं, जहां आने वाले प्रवासी मजदूरों को तात्कालिक रूप से रखा जा सके ।
स्वास्थ्य विभाग की ओर से देर शाम जारी बुलेटिन में बताया गया कि कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 2211 है और 30 अप्रैल शाम छह बजे तक कुल 77 नये मामले सामने आये।
बुलेटिन में बताया गया कि कुल 551 लोग पूर्णतया ठीक हो चुके हैं जबकि अमरोहा में एक व्यक्ति की मौत के साथ ही 40 लोगों की मौत हो गई है । सबसे अधिक 14 लोगों की मौत आगरा में हुई है । मुरादाबाद में छह, मेरठ में पांच, कानपुर में चार, फिरोजाबाद में दो तथा अमरोहा, बरेली, बस्ती, बुलंदशहर, लखनउ, वाराणसी, अलीगढ, मथुरा और श्रावस्ती में एक एक व्यक्ति की मौत हुई है ।
बुलेटिन के मुताबिक अब भी 1620 लोग इससे संक्रमित हैं । तबलीगी जमात और उनसे संपर्क में आये लोगों की संख्या 1113 है।
इससे पहले अपर मुख्य सचिव :गृह एवं सूचना: अवनीश कुमार अवस्थी ने यहां संवाददाताओं को बताया कि कुल 60 जिलों से संक्रमण के मामले आये हैं। छह जिलों में इस समय कोई मामला मामला नहीं है ।
अवस्थी ने बताया कि संक्रमित पुरूषों की संख्या 77 . 5 प्रतिशत जबकि महिलाओं की संख्या 22 . 5 प्रतिशत है ।
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग मजबूती से काम कर रहा है और संक्रमण की वृद्धि दर काफी कम है।
अवस्थी ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी अदित्यनाथ ने कहा है कि जहां आवश्यकता हो, मरीज को आक्सीजन बेड पर भेजा जाए और वृद्ध मरीजों को बेहतर सुविधा प्रदान की जाए ।
अपर मुख्य सचिव के अनुसार मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया है कि लगभग 10 लाख लोगों के लिए तत्काल पृथक-वास केंद्र, आश्रय गृह और सामुदायिक रसोई तैयार किये जाएं, जहां आने वाले प्रवासी मजदूरों को तात्कालिक रूप से रखा जा सके ।
योगी ने कहा कि पृथक-वास केंद्रों की स्थापना के लिए बड़े कॉलेजों का उपयोग किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि अतिरिक्त वेंटिलेटरों की आवश्यकता होने पर पोर्टेबल वेंटिलेटर मंगाए जाएं। सभी जनपदों में इन्फ्रा-रेड थर्मामीटर उपलब्ध कराए जाएं ताकि प्रवासी श्रमिकों की सुगमता से जांच की जा सके। साथ ही कोविड-19 का उपचार करने में सक्षम निजी चिकित्सालयों को उपचार की अनुमति दी जाए।
योगी ने कहा कि जांच के लिए प्रदेश में उपलब्ध समस्त संसाधनों का उपयोग किया जाए। इसके मददेनजर पंडित दीन दयाल उपाध्याय पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय एवं गौ-अनुसंधान संस्थान, मथुरा तथा लखनऊ स्थित केन्द्रीय औषधि अनुसंधान संस्थान (सीडीआरआई), भारतीय विष विज्ञान अनुसंधान संस्थान (आईआईटीआर) तथा बीरबल साहनी पुराविज्ञान संस्थान (बीएसआईपी) जैसे उच्चस्तरीय शोध संस्थानों की टेस्टिंग क्षमता का उपयोग किया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सहारनपुर में एक प्रयोगशाला स्थापित की जानी चाहिए। प्रत्येक मण्डल मुख्यालय पर प्रयोगशाला स्थापित होनी चाहिए। प्रयास यह होना चाहिए कि आगामी एक सप्ताह में उत्तर प्रदेश जांच क्षमता की दृष्टि से देश का नम्बर—वन राज्य बन जाए। प्रदेश के कोविड चिकित्सालयों में 52 हजार बेड की व्यवस्था करते हुए इसे चरणबद्ध रूप से बढ़ाकर एक लाख बेड किया जाना है।
अमृत
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