जरुरी जानकारी | अब राज्य सीधे एफसीआई से 2,800 रुपये प्रति क्विंटल के भाव पर चावल खरीद सकेंगे : जोशी

नयी दिल्ली, एक अगस्त केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री प्रल्हाद जोशी ने बृहस्पतिवार को कहा कि अगर राज्यों को अपनी कल्याणकारी योजनाओं के लिए चावल की जरूरत है तो वे ई-नीलामी में भाग लिए बिना भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) से 2,800 रुपये प्रति क्विंटल की दर से सीधे चावल खरीद सकते हैं।

पिछले साल केंद्र ने खराब मानसून के मद्देनजर कम उत्पादन की आशंकाओं के कारण राज्यों को चावल उपलब्ध नहीं कराया था। कर्नाटक ने पिछले साल अपनी कल्याणकारी योजना के लिए चावल की मांग की थी, लेकिन उसके अनुरोध खारिज कर दिया गया था।

जून, 2023 में केंद्र ने मुक्त बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत केंद्रीय पूल से राज्य सरकारों को चावल और गेहूं की बिक्री बंद कर दी थी।

यहां एक संवाददाता सम्मेलन में जोशी ने कहा, ‘‘राज्य सीधे केंद्रीय पूल से 2,800 रुपये प्रति क्विंटल की दर से चावल खरीद सकते हैं। उन्हें ई-नीलामी प्रक्रिया में भाग लेने की जरूरत नहीं है।’’

उन्होंने कहा कि अभी तक किसी भी राज्य की ओर से कोई मांग नहीं आई है।

सरकारी बयान के अनुसार, राज्य एक अगस्त, 2024 से ई-नीलामी में भाग लिए बिना मुक्त बाजार बिक्री योजना (घरेलू) के तहत भारतीय खाद्य निगम से चावल खरीद सकते हैं।

नए खरीद सत्र की शुरुआत से पहले स्टॉक के भारी अधिशेष को कम करने के लिए यह निर्णय लिया गया है।

जोशी ने कहा कि 'भारत' ब्रांड के तहत आटा और चावल की बिक्री जो 30 जून, 2024 तक चलने वाली थी, वह जारी रहेगी।

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि केंद्र ने एक जनवरी, 2024 से पांच साल के लिए लगभग 81.35 करोड़ लाभार्थियों (अंत्योदय अन्न योजना (एएवाई) परिवारों और प्राथमिकता वाले परिवारों (पीएचएच) लाभार्थियों) को मुफ्त खाद्यान्न उपलब्ध कराना जारी रखने का फैसला किया है, जिसका अनुमानित वित्तीय खर्च 11.80 लाख करोड़ रुपये है, जिसे पूरी तरह से केंद्र सरकार वहन करेगी।

वित्त वर्ष 2023-24 में वितरित खाद्यान्न 497 लाख टन और इस वित्त वर्ष में जून तक 125 लाख टन था।

जोशी ने यह भी बताया कि एथनॉल उत्पादन क्षमता बढ़कर 1,589 करोड़ लीटर प्रति वर्ष हो गई है, जो देश की घरेलू एथनॉल जरूरत को पूरा करने के लिए पर्याप्त है।

उन्होंने कहा कि लगभग 1.05 लाख करोड़ रुपये के भुगतान के साथ चालू चीनी सत्र 2023-24 के लिए 94.8 प्रतिशत से अधिक गन्ना बकाया चुका दिया गया है, जिससे गन्ना बकाया न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया है।

‘वन नेशन वन राशन कार्ड’ पर जोशी ने कहा कि आज तक देशभर में 145 करोड़ रुपये के पोर्टेबिलिटी लेनदेन किए गए हैं।

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)