Sharda Sinha Passes Away: प्रख्यात लोक गायिका एवं पद्म भूषण से सम्मानित शारदा सिन्हा का निधन
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नयी दिल्ली, 6 नवंबर :‘बिहार कोकिला’ के नाम से प्रख्यात लोक गायिका शारदा सिन्हा का मंगलवार रात दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में निधन हो गया. वह 72 वर्ष की थीं. सिन्हा का एम्स अस्पताल में मल्टीपल मायलोमा (एक प्रकार का रक्त कैंसर) का उपचार किया जा रहा था और स्वास्थ्य जटिलताएं उत्पन्न होने के बाद उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था. बिहार की समृद्ध लोक परंपराओं को राज्य की सीमाओं से बाहर भी लोकप्रिय बनाने वालीं शारदा सिन्हा के कुछ प्रमुख गीतों में ‘‘छठी मैया आई ना दुआरिया’’, ‘‘कार्तिक मास इजोरिया’’, ‘‘द्वार छेकाई’’, ‘‘पटना से’’, और ‘‘कोयल बिन’’ शामिल थे. इसके अलावा उन्होंने बॉलीवुड फिल्मों में भी गाना गया था. इनमें ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर- टू’ के ‘तार बिजली’, ‘हम आपके हैं कौन’ के ‘बाबुल’ और ‘मैंने प्यार किया’ के ‘कहे तो से सजना’ जैसे गाने शामिल हैं.

शारदा सिन्हा के छठ पूजा गाए गीत भी लोगों के बीच बहुत लोकप्रिय हैं. उनका निधन चार दिवसीय छठ महापर्व के पहले दिन हुआ. किसी भी छठ घाट पर उनके गाये गीतों जरूर बजाये जाते थे. सिन्हा एक प्रशिक्षित शास्त्रीय गायिका थीं, जिन्होंने अपने कई गीतों में लोक संगीत का मिश्रण किया. उन्हें अक्सर ‘मिथिला की बेगम अख्तर’ कहा जाता था. वह हर साल छठ पर्व पर एक नया गीत जारी करती थीं. उन्होंने इस साल स्वास्थ्य खराब होने के बावजूद भी उन्होंने छठ पर्व के लिए एक गीत जारी किया था. सिन्हा एक प्रशिक्षित शास्त्रीय गायिका थीं, जिन्होंने अपने कई गीतों में लोक संगीत का मिश्रण किया था और जिन्हें अक्सर 'मिथिला की बेगम अख्तर' कहा जाता था, वे एक छठ भक्त थीं, जो हर साल इस त्यौहार को मनाने के लिए एक गीत जारी करती थीं. इस साल भी तबीयत खराब होने के बावजूद उन्होंने छठ पर्व के लिए गीत गाया था. यह भी पढ़ें : Sharda Sinha Passes Away: पीएम नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह सहित भाजपा के अनेक नेताओं ने लोकगायिका शारदा सिन्हा के निधन पर जताया शोक

शारदा सिन्हा के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर उनके द्वारा गाया गया गीत ‘‘दुखवा मिटाईं छठी मईयां’’ एक दिन पहले ही साझा किया गया था. यह गीत शायद उनकी मनःस्थिति को दर्शाता है, जब वह खराब स्वास्थ्य से जूझ रही थीं. एम्स के एक अधिकारी ने बताया, ‘‘शारदा सिन्हा का सेप्टीसीमिया के कारण ‘रिफ्रैक्टरी शॉक’ के चलते रात नौ बजकर 20 मिनट पर निधन हो गया.’’ सिन्हा को पिछले महीने एम्स के कैंसर संस्थान, इंस्टीट्यूट रोटरी कैंसर हॉस्पिटल (आईआरसीएच) की गहन देखभाल इकाई में भर्ती कराया गया था. शारदा सिन्हा साल 2017 से मल्टीपल मायलोमा से जूझ रही थीं और कुछ महीने पहले ही उनके पति का निधन हो गया था. उनके परिवार में एक बेटा और एक बेटी हैं. शारदा सिन्हा ने भोजपुरी, मैथिली और मगही ओं में लोकगीत गाए थे और उन्हें पद्म भूषण से भी सम्मानित किया गया था.