लखनऊ, 31 अक्टूबर : बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने अपनी पार्टी के निलंबित छह विधायकों के समाजवादी पार्टी में शामिल होने के एक दिन बाद रविवार को तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही आए दिन दल-बदलू लोगों का इस पार्टी से उस पार्टी में जाने का दौर शुरू हो गया है लेकिन इससे किसी भी पार्टी का जनाधार बढ़ने वाला नहीं है. उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री ने रविवार को दलबदलुओं को ‘बरसाती मेंढक’ करार देते हुए ट्वीट किया, ‘‘उत्तर प्रदेश विधानसभा आम चुनाव नजदीक आने पर अब फिर से आए दिन दलबदलू लोगों के इस पार्टी से उस पार्टी में आने-जाने का दौर शुरू हो गया है किन्तु इससे किसी भी पार्टी का जनाधार बढ़ने वाला नहीं है, बल्कि इससे उन्हें हानि ही होगी.
अतः बसपा के लोग ऐसे बरसाती मेंढकों को पार्टी से दूर ही रखें.'' उन्होंने सिलसिलेवार ट्वीट कर कहा, ‘‘केवल दलबदलू ही नहीं बल्कि बरसाती मेंढकों की तरह अनेक ऐसी पार्टियों के नाम भी लोगों को सुनने को मिल रहे हैं जिनके नाम अब तक देखने-सुनने को नहीं मिले थे. सत्ता लोलुपता के ऐसे खेल को जनता खूब समझती है तथा इससे उन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ने वाला है. परिवर्तन अटल है.'' यह भी पढ़ें : Madhya Pradesh: मध्य प्रदेश में तेंदुए की खाल एवं नाखून बरामद, दो शिक्षकों सहित छह लोग गिरफ्तार
गौरतलब है कि शनिवार को सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की मौजूदगी में सीतापुर सदर से भाजपा विधायक राकेश राठौर और बसपा के निलंबित विधायक असलम राइनी (भिनगा), सुषमा पटेल (मड़ियाहूं), हर गोविंद भार्गव (सिधौली), हाकम लाल बिंद (हंडिया), मुजतबा सिद्दीकी (फूलपुर) और असलम अली चौधरी (धौलाना) ने सपा की सदस्यता ग्रहण की. इससे पहले कांग्रेस के पूर्व राज्यसभा सदस्य हरेंद्र मलिक और उनके पुत्र एवं पूर्व विधायक पंकज मलिक सपा में शामिल हुए थे. वहीं, बसपा के विधायक और पूर्व मंत्री लालजी वर्मा तथा रामअचल राजभर भी सपा में शामिल होने का एलान कर चुके हैं.