नयी दिल्ली, आठ अप्रैल सरकार ने कोरोना वायरस संक्रमण फैलने के लिये किसी समुदाय या स्थान पर दोषारोपण नहीं करने का बुधवार को एक परामर्श जारी करते हुए लोगों से ऐसा करने से बचने की अपील की।
दक्षिण दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में पिछले महीने हुए तबलीगी जमात के एक धार्मिक कार्यक्रम के बाद कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में तेजी से हुई वृद्धि और देश के विभिन्न हिस्सों में यह महामारी फैलने के लिये खासतौर पर सोशल मीडिया पर मुस्लिम समुदाय के लोगों को जिम्मेदार ठहराये जाने के दृष्टांतों के बाद यह परामर्श जारी किया गया।
सोशल मीडिया पर की जा रही इस तरह की टिप्पणियों को रोकने के लिये सरकार द्वारा जारी परामर्श में कहा गया है कि किसी संक्रामक बीमारी के फैलने से उपजी जन स्वास्थ्य संबंधी आपात स्थितियों के कारण पैदा होने वाले भय और चिंता, लोगों और समुदायों के विरुद्ध पूर्वाग्रह तथा सामाजिक अलगाव को बढ़ावा देती है। इस तरह के बर्ताव से आपसी बैर भाव, अराजकता और अनावश्यक सामाजिक बाधायें बढ़ती हैं।
परामर्श में मौजूदा परिस्थितियों में लोगों द्वारा किये जाने वाले और न किये जाने वाले कार्यों को भी सूचीबद्ध किया गया है। इसमें स्वास्थ्य, सफाई या पुलिस कर्मियों पर निशाना साधने से बचने की अपील करते हुये कहा गया है कि ये लोग जनता की सहायता के लिये हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय की वेबसाइट के माध्यम से सार्वजनिक किये गये परामर्श में चिकित्सा कर्मी, सफाई कर्मी और पुलिस कर्मियों को महामारी के खिलाफ जारी अभियान में अग्रिम मोर्चे का कार्यकर्ता बताया गया है। इसमें कहा गया है कि संक्रमण के बारे में भय और गलत जानकारियों के प्रसार के कारण इन लोगों के प्रति भेदभावपूर्ण रवैया अपनाने को लेकर मामले भी दर्ज किये गये हैं।
इतना ही नहीं इलाज के बाद स्वस्थ होने वालों के प्रति भी इस प्रकार का भेदभावपूर्ण रवैया अपनाने के मामले सामने आये हैं।
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