नयी दिल्ली, 23 नवंबर राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने पिछले महीने गायक-अभिनेता दिलजीत दोसांझ के कंसर्ट के बाद दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू (जेएलएन) स्टेडियम में फैली गंदगी का संज्ञान लेते हुए स्टेडियम के ‘रनिंग ट्रैक’ पर से कचरा हटाने के लिए तत्काल कदम उठाने का आदेश दिया है।
एनजीटी ने एक मीडिया रिपोर्ट के आधार पर इस मुद्दे पर स्वत: संज्ञान लेते हुए कहा, “यह मामला ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियमों और पर्यावरण संरक्षण अधिनियम के उल्लंघन की ओर इशारा करता है।”
एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव की अध्यक्षता वाली पीठ ने 19 नवंबर को पारित आदेश में कहा, “कंसर्ट के बाद स्टेडियम के मैदान में टूटी हुई कांच की बोतलें, बीयर के कैन, प्लास्टिक के रैपर और अन्य कचरा फैला हुआ था। गंदगी का आलम यह था कि खिलाड़ियों ने स्टेडियम को साफ करने की कोशिश की, लेकिन बड़ी मात्रा में कचरा फैला होने के कारण उनके प्रयास व्यर्थ साबित हुए।”
पीठ में विशेषज्ञ सदस्य ए सेंथिल वेल भी शामिल थे। उसने कहा कि कंसर्ट के बाद स्टेडियम का ‘रनिंग ट्रैक’ लगभग 10 दिनों के लिए बंद कर दिया गया था, जिससे एथलीट के प्रशिक्षण में बाधा पैदा हुई और उन्हें मुख्य स्टेडियम के बाहर कम गुणवत्ता वाले ट्रैक पर अभ्यास करने के लिए मजबूर होना पड़ा।
एनजीटी के आदेश में कहा गया है कि मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, आयोजन स्थल पर कूड़ादान न होने के कारण कंसर्ट में बड़ी संख्या में शामिल लोगों ने पिज्जा बॉक्स, पानी की बोतलें और बीयर के खाली कैन जैसा कचरा ‘रनिंग ट्रैक’ पर फेंक दिया।
अधिकरण ने इस बात पर जोर दिया कि आयोजन को ‘काफी समय’ बीत चुका है।
उसने कहा, “इसलिए हम दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) के सदस्य सचिव को स्टेडियम की आयोजन के पहले की स्थिति को बहाल करने और वहां फेंके गए कचरे व मलबे को हटाने के लिए तत्काल कार्रवाई सुनिश्चित करने का निर्देश देते हुए मूल याचिका का निपटारा करते हैं। यह कवायद दो हफ्ते के भीतर पूरी कर ली जानी चाहिए।”
जेएलएन स्टेडियम में दिलजीत का ‘दिल-लुमिनाती’ कंसर्ट 26-27 अक्टूबर को आयोजित किया गया था। भारतीय खेल प्राधिकरण के मुताबिक, इस आयोजन में 70,000 से अधिक लोग शामिल हुए थे।
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