देश की खबरें | एनजीटी ने सिंगरेनी कोलरीज कंपनी लिमिटेड पर लगभग 41 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने पर्यावरण मंजूरी की शर्तों का उल्लंघन करने और तय सीमा से अधिक खनन करने के मामले में तेलंगाना स्थित सिंगरेनी कोलरीज कंपनी लिमिटेड (एससीसीएल) पर 41.21 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। एससीसीएल सार्वजनिक उपक्रम है।

नयी दिल्ली, सात मई राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने पर्यावरण मंजूरी की शर्तों का उल्लंघन करने और तय सीमा से अधिक खनन करने के मामले में तेलंगाना स्थित सिंगरेनी कोलरीज कंपनी लिमिटेड (एससीसीएल) पर 41.21 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। एससीसीएल सार्वजनिक उपक्रम है।

न्यायमूर्ति के. रामकृष्णन और विशेषज्ञ सदस्य डॉ.सत्यगोपाल कोरलापति ने साथ ही खनन विभाग को उच्चतम न्यायालय के निर्देश के मद्देनजर अतिरिक्त खनन पर जुर्माना राशि की गणना करने को कहा है।

पीठ ने कहा, ‘‘सिंगरेनी कोलरीज कंपनी लिमिटेड (एससीसीएल) को तीन महीने के भीतर तेलंगाना राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को 41.21 करोड़ रुपये का जुर्माना देने का निर्देश दिया जाता है। अगर तय अवधि में जुर्माने की राशि का भुगतान नहीं किया जाता, तो राज्य प्रदूषण बोर्ड को निर्देश दिया जाता है कि वह जिला अधिकारी से वसूली की प्रक्रिया शुरू करने का अनुरोध करे।’’

एनजीटी ने इसके साथ ही तेलंगाना राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को उन लोगों की पहचान करने को कहा है जिनके मकानों को शुरुआत में खनन के लिए किए गए धमाकों से नुकसान हुआ है।

अधिकरण ने कहा, ‘‘पर्यावरण हर्जाने के रूप में मिली राशि का इस्तेमाल कोयला खदान के आसपास रहने वाले लोगों के हितों की रक्षा करने और कल्याणकारी योजना तैयार करने में किया जाएगा। ये वे लोग हैं जो परियोजना की गतिविधियों से संभवत: प्रभावित हुए हैं। हर्जाने की राशि का एक हिस्सा आदिवासी बस्तियों के कल्याण में इस्तेमाल किया जाएगा।’’

अधिकरण ने कहा कि योजना तेलंगाना के मुख्य सचिव, पर्यावरण, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के विशेष मुख्य सचिवों से परामर्श कर तैयार की जाये। अधिकरण ने कहा कि इन योजनाओं को राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और जिलाधिकारी द्वारा संयुक्त रूप से लागू किया जाना चाहिए।

पीठ ने कहा, ‘‘एससीसीएल को निर्देश दिया जाता है कि रेल पटरी बिछाने के काम में तेजी लाए और इसे पूरा करे। कोयले का परिवहन सड़क मार्ग के बजाय रेलमार्ग से करने के वास्ते कदम उठाए। इसके लिए तय समय सीमा का अनुपालन करे जिसका जिक्र पयार्वरण मंजूरी देने के साथ किया गया है।’’

एनजीटी ने यह आदेश तेलंगाना के सत्तुपल्ली गांव के निवासी बी.नंदू नायक की याचिका पर दिया जिन्होंने आरोप लगाया था कि एससीसीएल ने पर्यावरण मंजूरी का उल्लंघन किया है।

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