शुक्रवार को जारी की गई सेना की ‘कोर्ट ऑफ इंक्वायरी’ में इसकी पुष्टि की गई है।
जांच की पहली रिपोर्ट के निष्कर्ष में कहा गया कि जहाज के चालक दल को यह एहसास नहीं हुआ कि जहाज स्वचालित स्थिति में था, उन्हें लगा कि जहाज में कुछ और गड़बड़ है और चूंकि जहाज जमीन की ओर बढ़ रहा था ऐसे में उन्होंने यह भी नहीं जांचा कि नौसेना का जहाज ‘एचएमएनजेडएस मनावनुई’ मैन्युअल था या नहीं।
पूरी रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की गई है।
घटना अक्टूबर की है जब उपोलू, समोआ के तट से लगभग 1.6 किलोमीटर (एक मील) दूर नौसेना का जहाज डूब गया। हालांकि उस पर सवार सभी 75 लोगों को सुरक्षित बचा लिया गया। इस जहाज के डूब जाने के बाद न्यूजीलैंड की नौसेना के पास सिर्फ आठ जहाज रह गए हैं।
घटना के समय अधिकारी जहाज के डूबने का कारण पता नहीं लगा पाए थे जिसके बाद नौसेना प्रमुख रियर एडमिरल गारिन गोल्डिंग ने जांच के लिए ‘कोर्ट ऑफ इंक्वायरी’ का आदेश दिया।
गोल्डिंग ने शुक्रवार को ऑकलैंड में संवाददाताओं से कहा, ‘‘सीधे तौर पर जहाज के डूबने का कारण मानवीय त्रुटियां थीं। स्थिति को देखते हुए जहाज को स्वचालित स्थिति से हटा देना चाहिए था लेकिन ऐसा नहीं किया गया। चालक दल को पैनल पर देखना चाहिए था कि स्क्रीन पर स्वचालित स्थिति दिख रही है या नहीं।’’
उन्होंने कहा कि चालक दल को लगा कि ‘‘थ्रस्टर के खराब होने के कारण जहाज संचालित नहीं हो पा रहा है।’’
संभावना है कि अगले साल की पहली तिमाही तक ‘‘कोर्ट ऑफ इंक्वायरी’’ जारी रहेगी। गोल्डिंग ने कहा कि चूंकि मानवीय भूल के कारण यह घटना हुई इसलिए जांच के बाद अलग से अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
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