विदेश की खबरें | नेतन्याहू के पास गठबंधन सरकार बनाने के लिए आधी रात तक का समय

नेतन्याहू संसद में बहुमत हासिल करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। तेईस मार्च को खत्म हुए चुनाव में दो साल में लगातार चौथी बार किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिला है। कई प्रतिद्वंद्वियों के साथ बार-बार बैठकों और छोटी इस्लामिस्ट अरब पार्टी के नेता से अप्रत्याशित रूप से संपर्क करने के बाद भी कोई समझौता होता नहीं दिख रहा है।

सरकार बनाने की चार हफ्तों की समय-सीमा आधी रात को खत्म हो जाएगी, जिसके बाद मामला राष्ट्रपति रुवेन रिवलिन के पास वापस जाएगा।

किसी समझौते पर पहुंचने में नाकाम रहने पर नेतन्याहू को तत्काल पद नहीं छोड़ना होगा।

रिवलिन उन्हें गठबंधन बनाने के लिए दो और हफ्तों का समय दे सकते हैं। वह नेतन्याहू के किसी प्रतिद्वंद्वी को सरकार बनाने का मौका भी दे सकते हैं या मामला संसद जा सकता है।

संसद में सांसदों के पास अपने में से किसी को प्रधानमंत्री के तौर पर चुनने का मौका होगा। अगर सभी विकल्प विफल होते हैं तो देश में एक बार फिर चुनाव कराए जाएंगे।

तेईस मार्च के चुनाव में नेतन्याहू की लिकुड पार्टी 30 सीटें जीत कर सबसे बड़े दल के तौर पर उभरी लेकिन 120 सदस्यीय संसद में उसे बहुमत का आंकड़ा हासिल करने के लिए 61 सदस्यों की जरूरत है।

नेतन्याहू ने सोमवार को दक्षिणपंथी यामीना पार्टी के प्रमुख नफताली बेन्नेट को बारी-बारी के आधार पर प्रधानमंत्री पद की पेशकश की जिसमें पहले साल बेन्नेट प्रधानमंत्री पद संभालें।

बेन्नेट ने कहा, “ मैंने नेतन्याहू से कभी भी प्रधानमंत्री बनने को नहीं कहा है। मैंने उनसे सरकार बनाने को कहा था। दुर्भाग्य से उन्होंने ऐसा नहीं किया है।”

एपी नोमान दिलीप

दिलीप

0405 1543 यरुशलम

ननननजसजस

आवश्यक

.यरुशलम वि 21

इज़राइल नेतन्याहू गठबंधन

नेतन्याहू के पास गठबंधन सरकार बनाने के लिए आधी रात तक का समय

यरुशलम, चार मई (एपी) इज़राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के पास नई गठबंधन सरकार बनाने के लिए मंगलवार आधी रात तक की समय-सीमा है। ऐसा करने में नाकाम रहने पर उनकी लिकुड पार्टी के हाथ से 12 साल बाद सत्ता चले जाने की संभावना है।

नेतन्याहू संसद में बहुमत हासिल करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। तेईस मार्च को खत्म हुए चुनाव में दो साल में लगातार चौथी बार किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिला है। कई प्रतिद्वंद्वियों के साथ बार-बार बैठकों और छोटी इस्लामिस्ट अरब पार्टी के नेता से अप्रत्याशित रूप से संपर्क करने के बाद भी कोई समझौता होता नहीं दिख रहा है।

सरकार बनाने की चार हफ्तों की समय-सीमा आधी रात को खत्म हो जाएगी, जिसके बाद मामला राष्ट्रपति रुवेन रिवलिन के पास वापस जाएगा।

किसी समझौते पर पहुंचने में नाकाम रहने पर नेतन्याहू को तत्काल पद नहीं छोड़ना होगा।

रिवलिन उन्हें गठबंधन बनाने के लिए दो और हफ्तों का समय दे सकते हैं। वह नेतन्याहू के किसी प्रतिद्वंद्वी को सरकार बनाने का मौका भी दे सकते हैं या मामला संसद जा सकता है।

संसद में सांसदों के पास अपने में से किसी को प्रधानमंत्री के तौर पर चुनने का मौका होगा। अगर सभी विकल्प विफल होते हैं तो देश में एक बार फिर चुनाव कराए जाएंगे।

तेईस मार्च के चुनाव में नेतन्याहू की लिकुड पार्टी 30 सीटें जीत कर सबसे बड़े दल के तौर पर उभरी लेकिन 120 सदस्यीय संसद में उसे बहुमत का आंकड़ा हासिल करने के लिए 61 सदस्यों की जरूरत है।

नेतन्याहू ने सोमवार को दक्षिणपंथी यामीना पार्टी के प्रमुख नफताली बेन्नेट को बारी-बारी के आधार पर प्रधानमंत्री पद की पेशकश की जिसमें पहले साल बेन्नेट प्रधानमंत्री पद संभालें।

बेन्नेट ने कहा, “ मैंने नेतन्याहू से कभी भी प्रधानमंत्री बनने को नहीं कहा है। मैंने उनसे सरकार बनाने को कहा था। दुर्भाग्य से उन्होंने ऐसा नहीं किया है।”

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)