विदेश की खबरें | दृष्टि के देवता कहे जाने वाले नेपाली नेत्र चिकित्सक विश्व के हर हिस्से में मदद पहुंचाने के इच्छुक

अपने देश में ‘दृष्टि के देवता’ के तौर पर पहचाने जाने वाले डॉ रुइत की सर्जरी से महज तीन दिन में करीब 400 मरीजों की आंखों की रोशनी वापस आ सकी। देश की राजधानी काठमांडू से 288 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में स्थित लुम्बिनी में अस्थायी नेत्र अस्पताल में असेंबली लाइन सर्जरी के माध्यम से यह संभव हुआ।

डॉ रुइत ने कहा, ‘‘इसका मकसद और मेरा प्रेम एवं जुनून यह देखने के लिए है कि विश्व में कोई भी व्यक्ति बेवजह अंधेपन का शिकार न रहे।”

उन्होंने कहा, “यह जरूरी है कि लोगों को समान सेवाएं मिलें। मैं सुनिश्चित करना चाहता हूं कि हर किसी को यह प्राप्त हो।”

नेपाल के कई लोग खासकर गरीब लोग रुइत के काम से लाभान्वित हुए हैं जहां उन्होंने काठमांडू में तिलगंगा इंस्टीट्यू़ट ऑफ ऑप्थाल्मोलॉजी की स्थापना की है और नियमित तौर पर पहाड़ियों पर बसे दूर-दराज के गांवों एवं निचले इलाके का दौरा करते हैं। वह अपने साथ विशेषज्ञों की एक टीम और उपकरण ले जाते हैं जहां वे मोतियाबिंद की सर्जरी करते हैं।

रुइत अब तक 1,30,000 सर्जरी कर चुके हैं और अब अपने काम को एक फाउंडेशन के जरिए अधिक से अधिक देशों तक पहुंचाना चाहते हैं। यह फाउंडेशन उन्होंने ब्रिटिश समाजसेवी तेज कोहली के साथ बनाया है जिसका लक्ष्य अगले पांच साल में 5,00,000 सर्जरी करना है।

एपी नेहा अविनाश

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