
नयी दिल्ली, एक अगस्त केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने लेह में एक परियोजना के लिए निर्माण ठेकेदार से कथित तौर पर पांच लाख रुपये की रिश्वत लेने के आरोप में एनबीसीसी के एक उप महाप्रबंधक (डीजीएम) को गिरफ्तार किया है। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि लद्दाख में तैनात आरोपी डीजीएम वरुण पोपली ने ठेकेदार से कथित तौर पर 11.40 लाख रुपये की मांग की थी।
उन्होंने बताया कि बातचीत के दौरान वह कथित तौर पर दिल्ली में पांच लाख रुपये का आंशिक भुगतान लेने पर सहमत हो गया था, जिसके लिए वह विशेष रूप से राष्ट्रीय राजधानी आया था।
लेह में एक निर्माण परियोजना का कार्य करा रहे शिकायतकर्ता ने डीजीएम के खिलाफ एक लिखित शिकायत प्रस्तुत की थी। आरोप लगाया गया था कि डीजीएम एक अनुबंध के काम की अनुमति देने के लिए 7.40 लाख रुपये रिश्वत मांग रहा था।
सीबीआई प्रवक्ता ने एक बयान में कहा, ‘‘शिकायत के सत्यापन के दौरान आरोपी डीजीएम ने 11.40 लाख रुपये की रिश्वत मांगी। इसके बाद सीबीआई ने आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज किया।’’
उन्होंने बताया कि पोपली को बुधवार शाम को कथित तौर पर रिश्वत लेते समय पकड़ा गया।
एनबीसीसी एक केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम है, जिसे पहले राष्ट्रीय भवन निर्माण निगम के नाम से जाना जाता था।
प्रवक्ता ने कहा, ‘‘आरोपी डीजीएम को गिरफ्तार कर लिया गया है और उसे बृहस्पतिवार को दिल्ली स्थित अदालत में पेश किया जाएगा। दिल्ली में आरोपी के आवासीय परिसरों की तलाशी ली गई।’’
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