बेंगलुरु/बेलगावी, एक दिसंबर कर्नाटक में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)के वरिष्ठ नेता बसनगौड़ा पाटिल यतनाल ने रविवार को कहा कि उनका वक्फ विरोधी मार्च किसी व्यक्ति के खिलाफ नहीं है, बल्कि यह किसानों, ‘सनातन धर्म’ और हिंदुओं के लिये लड़ाई है।
विधायक यतनाल ने वरिष्ठ भाजपा नेताओं रमेश जारकीहोली, महेश कुमाथल्ली, अरविंद लिम्बावली और मधु बंगारप्पा के साथ मिलकर उत्तर कर्नाटक के बीदर से राज्य के दक्षिणी भाग में चामराजनगर तक एक महीने तक चलने वाला ‘वक्फ विरोधी’ मार्च शुरू किया।
यतनाल ने यह मार्च 25 नवंबर को शुरू किया और 25 दिसंबर तक जारी रहेगा। इसका उद्देश्य वक्फ बोर्ड द्वारा कुछ किसानों और संस्थाओं को जारी किए गए बेदखली नोटिस का विरोध करना है, जो उनकी जमीन पर अधिकार का दावा करता है।
उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री बी. एस. येदियुरप्पा, उनके बेटे और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बी. वाई. विजयेंद्र और उनकी ‘वंशवादी राजनीति’ की कड़ी आलोचना की थी। यतनाल ने हालांकि, स्पष्ट किया कि इस मामले में उनका कोई निहित स्वार्थ नहीं है।
यतनाल ने बेलगावी में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘मेरा आंदोलन निहित स्वार्थों के लिए नहीं है। हम किसी राष्ट्रपति को हटाने या किसी को मुख्यमंत्री बनाने के लिए ऐसा नहीं कर रहे हैं। हमारी लड़ाई किसानों, सनातन धर्म और आपके लिए है। यह तब भी जारी रहेगा, जब हमें अपनी जान भी देनी पड़े।’’
भाजपा के तेजतर्रार नेता की टिप्पणी विजयेंद्र गुट की आलोचना के बीच आई है, जिसने कथित पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए उन्हें पार्टी से निष्कासित करने की मांग की है, क्योंकि राज्य इकाई ने मार्च के लिए अनुमति नहीं दी थी।
यतनाल ने इस दावे को खारिज किया कि उनका आंदोलन ‘‘राजनीति से प्रेरित’’है। उन्होंने कहा, ‘‘ मेरा किसके साथ साठगांठ है? सत्तारूढ़ कांग्रेस ने कर्नाटक के सबसे पिछड़े क्षेत्र में 850 करोड़ रुपये की मेरी चीनी मिल को बंद कर दिया। उन्होंने मेरे खिलाफ 42 मामले दर्ज किए हैं। क्या यह साठगांठ है?’’
यतनाल ने ‘कांग्रेस का एजेंट’ होने के आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि उन्होंने कभी भी मुख्यमंत्री सिद्धरमैया या उपमुख्यमंत्री डी. के. शिवकुमार से संपर्क नहीं किया।
यतनाल ने येदियुरप्पा को याद दिलाया कि श्रीमंत पाटिल, रमेश जारकीहोली और महेश कुमाथल्ली 2019 में ‘ऑपरेशन लोटस’ में प्रमुख व्यक्ति थे, जिसने कांग्रेस-जद (एस) गठबंधन सरकार को गिराकर भाजपा की सरकार को सत्ता में लाया था।
उन्होंने दावा किया कि विजयेंद्र गुट आंदोलन को बाधित करने का प्रयास कर रहा है। उन्होंने चेतावनी दी कि इस तरह के कदम के गंभीर परिणाम होंगे।
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