देश की खबरें | अभद्र सामग्री वाले म्यूजिक वीडियो, गैर फिल्मी गानों के लिए हो नियामक संस्था : जनहित याचिका

नयी दिल्ली, सात अप्रैल दिल्ली उच्च न्यायालय में बुधवार को दाखिल की गई एक जनहित याचिका में कहा गया कि गैर फिल्मी गानों और संगीत वीडियो की समीक्षा के लिए नियामक संस्था बनाए जाने की जरूरत है क्योंकि इनमें से कई में आपत्तिजनक या अभद्र सामग्री होती है जो बिना किसी प्रतिबंध के देखने के लिए उपलब्ध होती है।

मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति जसमीत सिंह की पीठ ने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय को नोटिस जारी कर इस याचिका पर उनका पक्ष रखने को कहा है। दो वकीलों द्वारा दायर इस याचिका में ऐसी सामग्रियों पर तत्काल प्रतिबंध लगाने का अनुरोध किया गया है।

याचिकाकर्ता - नेहा कपूर और मोहित भाडु ने अदालत से केंद्र सरकार को विभिन्न प्लेटफॉर्म या ऐप्लिकेशनों पर जारी तथा उपलब्ध कराए जाने वाले गैर फिल्मी गानों और उनके म्यूजिक वीडियो के बोल/ सामग्रियों के नियमन/समीक्षा के लिए” एक निकाय बनाने का निर्देश देने का अनुरोध किया है।

अधिवक्ता रिशु सिंह के माध्यम से दायर याचिका में उन्होंने दावा किया है कि ऐसे गाने और वीडियो न सिर्फ रेडियो और टीवी पर उपलब्ध हैं बल्कि यूट्यूब, गाना डॉट कॉम और इंस्टाग्राम पर भी प्रसारित किए जाते हैं।

याचिकाकर्ताओं का तर्क है कि गैर नियमित सामग्री का आम लोगों के दिमाग पर नकारात्मक असर पड़ता है।

उनका दावा है कि इनमें से कुछ गाने और संगीत वीडियो नशीली दवाओं, शराब के इस्तेमाल को बढ़ावा देते हैं और कुछ में महिलाओं को जिंस की तरह भी पेश किया जाता है जो स्वीकार्य नहीं है।

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