नयी दिल्ली, 11 दिसंबर ‘कैथोलिक बिशप्स कॉन्फ्रेंस ऑफ इंडिया’ (सीबीसीआई) ने बुधवार को सभी सांसदों से आग्रह किया कि विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के एक समारोह में ‘‘घृणा पैदा करने वाला भाषण’’ देने के कारण विवादों में घिरे इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति शेखर यादव के खिलाफ कार्रवाई के लिए वे सभी समर्थन करें।
विहिप द्वारा आठ दिसंबर को आयोजित एक समारोह में न्यायमूर्ति शेखर यादव ने कहा था कि समान नागरिक संहिता (यूसीसी) का मुख्य उद्देश्य सामाजिक सद्भाव, लैंगिक समानता और धर्मनिरपेक्षता को बढ़ावा देना है।
बहुमत के अनुसार काम करने वाले कानून सहित विभिन्न मुद्दों पर न्यायमूर्ति यादव के वीडियो एक दिन बाद व्यापक रूप से प्रसारित हो गये। इस पर विपक्षी दलों ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की और उन्होंने न्यायाधीश के कथित बयानों पर सवाल उठाए तथा इसे घृणास्पद भाषण करार दिया।
भारत में कैथोलिक समुदाय की शीर्ष संस्था सीबीसीआई ने बुधवार को जारी एक बयान में न्यायमूर्ति यादव की इस टिप्पणी की निंदा की कि देश बहुमत की इच्छा के अनुसार काम करेगा।
प्रमुख कैथोलिक संस्था ने कहा, ‘‘ऐसे मामलों में कार्रवाई शुरू करने का अधिकार संविधान के अनुच्छेद 124 और 217 के तहत संसद के पास है। अगर सरकार विफल हो जाती है तो विपक्ष का प्राथमिक कर्तव्य है कि वह हस्तक्षेप करे।’’
उसने यादव के खिलाफ कार्रवाई का समर्थन करने का सभी सांसदों से आग्रह किया।
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