MP: ओझा ने भाजपा सरकार पर हमला बोलते हुए महिला आयोग की अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया
बीजेपी (Photo Credits: Twitter)

इंदौर, 24 जून : वरिष्ठ कांग्रेस नेता शोभा ओझा ने मध्यप्रदेश की भारतीय जनता पार्टी सरकार पर यह आरोप लगाते हुए राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष पद से शुक्रवार को इस्तीफा दे दिया कि उनके सामने अलग-अलग बाधाएं पैदा करते हुए उन्हें संवैधानिक दायित्व निभाने से रोका गया. गौरतलब है कि ओझा को कमलनाथ की अगुवाई वाली तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने अपने पतन से महज चार दिन पहले, 16 मार्च 2020 को इस पद पर नियुक्त किया था. ओझा ने इंदौर प्रेस क्लब में संवाददाता सम्मेलन के दौरान कहा,‘‘मेरे पास राज्य महिला आयोग अध्यक्ष का पद मार्च 2023 तक रहता. लेकिन मौजूदा भाजपा सरकार ने मुझसे इस संवैधानिक पद के सारे अधिकार छीन लिए हैं. इन हालात में मैंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को अपना इस्तीफा भेज दिया है ताकि मैं पहले की तरह सड़क पर उतरकर महिलाओं को न्याय दिलाने की लड़ाई लड़ सकूं.’’

उन्होंने बताया कि कमलनाथ सरकार के 20 मार्च 2020 को हुए पतन के बाद सत्ता में लौटी चौहान सरकार ने राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष के तौर पर उनकी नियुक्ति को रद्द कर दिया था, लेकिन इस कदम के खिलाफ उनकी याचिका पर मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने 22 मई 2020 को दिए आदेश में उनके इस पद के मामले में यथास्थिति बनाए रखने को कहा था. ओझा ने कहा, ‘‘अदालत के इस आदेश के बावजूद भाजपा सरकार ने मुझे आयोग में काम नहीं करने दिया. आयोग के दफ्तर में ताले लगा दिए गए और अधिकारी-कर्मचारियों से कह दिया गया कि मेरे दफ्तर आने के बाद वे वहां से तुरंत बाहर निकल जाएं.’’ यह भी पढ़ें : तमिलनाडु: बलात्कारी को पकड़ने के लिए पीड़िता और बच्चे का होगा डीएनए टेस्ट

कांग्रेस नेता ने यह आरोप भी लगाया कि आयोग में प्रदेश सरकार के मनोनीत सदस्य सचिव के माध्यम से भाजपा नेताओं और अन्य रसूखदार लोगों से जुड़े मामलों को नियम-कायदों के खिलाफ जाकर ‘‘निपटाने’’ की कोशिश की जा रही है. बहरहाल, संवाददाताओं के पूछे जाने के बावजूद उन्होंने इन लोगों के नामों का खुलासा नहीं किया. ओझा के मुताबिक 16 मार्च 2020 को उन्हें राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष नियुक्त किए जाने के वक्त आयोग में करीब 10,000 मामले लम्बित थे. उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा सरकार द्वारा मुझे राज्य महिला आयोग अध्यक्ष के तौर पर काम नहीं करने देने के कारण आज आयोग में लम्बित मामलों की संख्या बढ़कर 17,500 तक पहुंच गई है.’’