जरुरी जानकारी | अधिकांश तेल तिलहन कीमतों में बीते सप्ताह रहा सुधार का रुख

नयी दिल्ली, 23 अक्टूबर सरकार की तरफ से 20-20 लाख टन सूरजमुखी और सोयाबीन तेल के शुल्क-मुक्त आयात की छूट देने के बाद आयातकों द्वारा नये सौदे नहीं खरीदने के कारण बाजार में कम आपूर्ति (शॉर्ट सप्लाई) की स्थिति पैदा होने से बीते सप्ताह दिल्ली तेल तिलहन बाजार में खाद्यतेल कीमतों में बढ़त का रुख देखने को मिला।

गुजरात में दिवाली के मौके पर सप्ताह भर मंडियों के बंद होने से मांग प्रभावित होने के कारण मूंगफली तेल तिलहन के भाव हानि के साथ बंद हुए। जबकि सामान्य कारोबार के बीच बाकी खाद्य तेल तिलहनों के भाव पिछले सप्ताहांत के स्तर पर बने रहे।

बाजार के जानकार सूत्रों ने कहा कि सरकार ने घरेलू बाजार में खाद्यतेल आपूर्ति बढ़ाने और उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए सालाना 20-20 लाख टन सूरजमुखी और सोयाबीन तेल के शुल्क-मुक्त आयात की छूट दे दी है लेकिन मासिक मांग के मुकाबले यह आयात काफी कम है। इसके इतर, आयातकों को छूट के अलावा होने वाले आयात के लिए आयात शुल्क भी अदा करना होगा जिससे इन आयातित तेलों की प्रतिस्पर्धा, छूट वाले सस्ते खाद्यतेलों से होना तय है। इस स्थिति में आयातक कोई नये सौदे नहीं खरीद रहे और बाजार में खाद्यतेलों की कम आपूर्ति की स्थिति बन गई है।

इसका नतीजा यह हुआ है कि खाद्यतेलों के दाम बढ़ गये हैं जबकि सरकार ने यह कदम ग्राहकों को राहत देने के मकसद से ही उठाया था। सूत्रों ने कहा कि सरकार को अपने इस फैसले पर पुनर्विचार करते हुए या तो शुल्कमुक्त आयात की सीमा को हटा देना चाहिये या पहले की तरह सभी आयात पर शुल्क लगा देना चाहिये। इस कदम से कोई आंतरिक प्रतिस्पर्धा नहीं रह जायेगी और आयात बढ़ेगा जिससे प्रतिस्पर्धा के कारण उपभोक्ताओं को भी सस्ते में खाद्यतेल उपलब्ध होंगे।

सूत्रों ने कहा कि समीक्षाधीन सप्ताह में मांग प्रभावित होने से मूंगफली तेल तिलहन कीमतों में गिरावट देखने को मिली। मूंगफली का तेल अधिकांशतया गुजरात में खाया जाता है। दिवाली के मौके पर गुजरात के बाजार लगभग सप्ताह भर बंद रहेंगे और ऐसे स्थिति में ग्राहकी मांग प्रभावित हुई है जिससे मूंगफली तेल तिलहन कीमतों में गिरावट आई है।

सूत्रों ने कहा कि सरकार द्वारा कोटा व्यवस्था खत्म करने और शुल्क लगाने से सरकार को राजस्व की भी प्राप्ति होगी।

कारोबारी सूत्रों के मुताबिक, देश के प्रमुख तेल संगठनों का दायित्व बनता है कि वे सरकार को उसके फैसले के अनपेक्षित परिणामों से अवगत कराते हुए फैसले पर फिर से गौर करने की सलाह दें। उन्होंने कहा कि विदेशों में सोयाबीन के डीआयल्ड केक (डीओसी) की मांग बढ़ने से बीते सप्ताह सोयाबीन तेल तिलहन कीमतों में सुधार आया। त्योहारी और जाड़े की मांग के अलावा पिछले साल के मुकाबले सरसों के सस्ता होने के कारण सरसों तेल तिलहन कीमतों में भी सुधार है। कारोबारियों की त्योहारी मांग होने से बीते सप्ताह सीपीओ, पाम एवं पामोलीन तेल कीमतों में भी सुधार दिखा।

सूत्रों के मुताबिक, पिछले सप्ताहांत के शुक्रवार के बंद भाव के मुकाबले बीते सप्ताह सरसों दाने का भाव 225 रुपये बढ़कर 7,100-7,125 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। सरसों दादरी तेल समीक्षाधीन सप्ताहांत में 400 रुपये बढ़कर 14,700 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। वहीं सरसों पक्की घानी और कच्ची घानी तेल की कीमतें भी क्रमश: 50-50 रुपये बढ़कर क्रमश: 2,250-2,380 रुपये और 2,320-2,435 रुपये टिन (15 किलो) पर बंद हुईं।

सूत्रों ने कहा कि डीओसी की निर्यात मांग के कारण समीक्षाधीन सप्ताह में सोयाबीन दाने और लूज के थोक भाव क्रमश: 175-175 रुपये के सुधार के साथ क्रमश: 5,300-5,350 रुपये और 5,100-5,150 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुए।

समीक्षाधीन सप्ताह में सोयाबीन तेल कीमतों में भी सुधार रही। सोयाबीन दिल्ली का थोक भाव 600 रुपये बढ़कर 14,200 रुपये, सोयाबीन इंदौर का भाव 750 रुपये बढ़कर 14,000 रुपये और सोयाबीन डीगम का भाव 600 रुपये बढ़कर 12,600 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ।

मंडियों में छुट्टियों के मद्देनजर मांग प्रभावित होने से समीक्षाधीन सप्ताह में मूंगफली तेल-तिलहनों कीमतों में गिरावट आई। समीक्षाधीन सप्ताहांत में मूंगफली तिलहन का भाव 125 रुपये घटकर 6,870-6,935 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। पूर्व सप्ताहांत के बंद भाव के मुकाबले समीक्षाधीन सप्ताह में मूंगफली तेल गुजरात 650 रुपये घटकर 16,000 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ जबकि मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड का भाव 140 रुपये की गिरावट के साथ 2,560-2,820 रुपये प्रति टिन पर बंद हुआ।

समीक्षाधीन सप्ताह में कच्चे पाम तेल (सीपीओ) का भाव 600 रुपये के सुधार के साथ 9,100 रुपये क्विंटल पर बंद हुआ। जबकि पामोलीन दिल्ली का भाव 500 रुपये बढ़कर 10,700 रुपये और पामोलीन कांडला का भाव 600 रुपये बढ़कर 9,800 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ।

समीक्षाधीन सप्ताह में बिनौला तेल भी 350 रुपये बढ़कर 13,100 रुपये प्रति क्विंटल के भाव पर बंद हुआ।

राजेश

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