नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) शनिवार यानी आज उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले (Balrampur District) का दौरा करेंगे और सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना (Saryu Nahar National Project) का उद्घाटन करेंगे, जिससे 14 लाख हेक्टेयर से अधिक भूमि की सिंचाई के लिए पानी मिलेगा और क्षेत्र के लगभग 29 लाख किसानों को फायदा पहुंचेगा. प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने यह जानकारी दी. पीएमओ ने शुक्रवार को एक बयान में बताया प्रधानमंत्री मोदी शनिवार को बहराइच, श्रावस्ती एवं बलरामपुर से होकर गोरखपुर तक जाने वाली 318 किलोमीटर लम्बी एवं करीब 9,800 करोड़ रुपए की लागत वाली सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना का उद्घाटन करेंगे.
पूर्ववर्ती सरकारों पर कटाक्ष करते हुए मोदी ने कहा कि परियोजना पर काम 1978 में शुरू हुआ था, इसे कभी पूरा नहीं किया गया और उनकी सरकार ने इसे पूरा करने के वास्ते कदम उठाये. उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘आपको जानकर हैरानी होगी कि सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना पर 1978 में काम शुरू हुआ था लेकिन दशकों तक यह परियोजना कभी पूरी नहीं हुई। खर्च बढ़ गया और लोगों की परेशानी भी बढ़ गई. जो परियोजना चार दशक से अधूरी थी, उसे चार साल में पूरा किया गया है. यह भी पढ़े: मोदी सरकार ने पूर्वी यूपी को दी बड़ी सौगात, इलाहाबाद-गोरखपुर का सफर होगा और सुहावना, बढेगा रोजगार
मोदी ने कहा, ‘‘मैं कल, 11 दिसंबर को उत्तर प्रदेश के बलरामपुर में एक बहुत ही खास कार्यक्रम - सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना के उद्घाटन के लिए आऊंगा. यह परियोजना पूर्वी उत्तर प्रदेश में सिंचाई संबंधी समस्याओं का समाधान करेगी और हमारे मेहनती किसानों की मदद करेगी.
पीएमओ के मुताबिक, इस परियोजना पर काम की शुरुआत 1978 में हुई थी लेकिन बजट आवंटन, संबंधित विभागों के बीच समन्वय और उपयुक्त निगरानी के अभाव में इसमें देरी हुई और लगभग चार दशकों तक यह जमीन पर नहीं उतर सकी.
पीएमओ ने कहा कि किसानों के कल्याण और उनके सशक्तीकरण के साथ ही राष्ट्रीय महत्व की लंबित परियोजनाओं को प्राथमिकता के साथ पूरा करने की प्रतिबद्धता की वजह से प्रधानमंत्री ने इस परियोजना पर अपना ध्यान केंद्रित किया. इस परियोजना को पूरा करने के मकसद से मोदी, वर्ष 2016 में इसे प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के अंतर्गत ले आए और इसे समय सीमा के भीतर पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया. पीएमओ ने बताया कि इसे साकार करने के लिए भूमि अधिग्रहण और कानूनी अड़चनों सहित अन्य समस्याओं का समाधान निकाला गया और इसी का परिणाम है कि इस महत्वपूर्ण परियोजना का काम चार वर्षों के भीतर ही पूरा कर लिया गया.
पीएमओ ने कहा कि इस परियोजना को 9800 करोड़ रुपये में पूरा किया गया। इसमें से 4600 करोड़ रुपये का प्रावधान पिछले चार वर्षों में किया गया. इस परियोजना में पांच नदियों को भी जोड़ा गया है. घाघरा, सरयू, राप्ती, बाणगंगा एवं रोहिन नदियों को जोड़ते हुए 318 किलोमीटर लम्बी मुख्य नहर और इससे जुड़ी 6,600 किलोमीटर लिंक नहरों वाली उक्त नहर से पूर्वांचल के नौ जिलों बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर, गोंडा, बस्ती, महाराजगंज, सिद्धार्थनगर, संत कबीर नगर और गोरखपुर के लगभग 29 लाख किसानों को लाभ मिलेगा.
पीएमओ ने कहा कि इस परियोजना में देरी की वजह से क्षेत्र के किसानों को भारी नुकसान हुआ लेकिन अब इससे उन्हें लाभ मिलेगा। पीएमओ ने कहा कि अब क्षेत्र के किसान बड़े स्तर पर पैदावार कर सकेंगे और क्षेत्र की कृषि उत्पादक क्षमता का लाभ उठाएंगे.
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)