नयी दिल्ली, 25 मार्च : केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने शनिवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने एक बार फिर नगालैंड, असम और मणिपुर में सशस्त्र बल (विशेषाधिकार) अधिनियम, या अफ्सपा के तहत घोषित ‘‘अशांत क्षेत्रों’’ को कम करने का फैसला किया है. शाह ने कई ट्वीट् करके कहा कि यह निर्णय पूर्वोत्तर क्षेत्र में सुरक्षा स्थिति में महत्वपूर्ण सुधार को देखते हुए लिया गया है. उन्होंने कहा, ‘‘पूर्वोत्तर के लिए एक ऐतिहासिक दिन. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भारत सरकार ने एक बार फिर नगालैंड, असम और मणिपुर में अफ्सपा के तहत आने वाले अशांत क्षेत्रों को कम करने का फैसला किया है. यह निर्णय पूर्वोत्तर भारत में सुरक्षा स्थिति में महत्वपूर्ण सुधार को ध्यान में रखते हुए लिया गया है.’’
शाह ने कहा कि भारत के इतिहास में पहली बार मोदी ने पूर्वोत्तर में सुरक्षा, शांति और विकास को प्राथमिकता दी और इसके परिणामस्वरूप यह क्षेत्र अब शांति और विकास के रास्ते पर तेजी से बढ़ रहा है. उन्होंने पूर्वोत्तर के लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने और इस क्षेत्र को "शेष भारत के दिलों" से जोड़ने के लिए प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त किया. शाह ने कहा, ‘‘इस महत्वपूर्ण अवसर पर पूर्वोत्तर के हमारे बहनों और भाइयों को बधाई.’’ अफ्सपा अशांत क्षेत्रों में काम करने वाले सशस्त्र बलों के कर्मियों को तलाशी लेने, गिरफ्तार करने और ‘‘लोक व्यवस्था बनाए रखने’’ के लिए आवश्यक समझे जाने पर गोली चलाने की व्यापक शक्तियां देता है. सशस्त्र बलों के अभियान के संचालन को सुविधाजनक बनाने के लिए किसी क्षेत्र या जिले को अफ्सपा के तहत अशांत क्षेत्र के तौर पर अधिसूचित किया जाता है. असम में अशांत क्षेत्र अधिसूचना 1990 से लागू है. अधिकारियों ने कहा कि मोदी सरकार के शासन के दौरान सुरक्षा स्थिति में उल्लेखनीय सुधार के परिणामस्वरूप, अफ्सपा के तहत अशांत क्षेत्र को असम के नौ जिलों और एक जिले के एक उप-मंडल को छोड़कर अप्रैल 1, 2022 को पूरे राज्य से हटा दिया गया था. अब, यह असम में केवल आठ जिलों तक सीमित हो गया है. यह भी पढ़ें : अदालत ने कामबंद आंदोलन में शामिल वकीलों को काम पर लौटने का दिया निर्देश, कड़ी कार्रवाई की चेतावनी
मणिपुर में, इंफाल नगरपालिका क्षेत्र को छोड़कर, पूरे राज्य को 2004 में "अशांत क्षेत्र" घोषित किया गया था और तब से यह लागू था. एक अप्रैल, 2022 को छह जिलों के 15 थानाक्षेत्रों को अफ्सपा के दायरे से मुक्त कर दिया गया. अधिकारियों ने कहा कि अब एक अप्रैल, 2023 से चार अन्य पुलिस थानाक्षेत्रों के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों से अफस्पा हटाने के साथ ही राज्य के सात जिलों के कुल 19 थाना क्षेत्रों से अफ्सपा हटा दिया गया है. अफ्सपा नगालैंड में 1995 से लागू है. इसे एक अप्रैल, 2022 से सात जिलों के 15 पुलिस थानाक्षेत्रों से हटा दिया गया. अधिकारियों ने कहा कि सरकार द्वारा नियुक्त एक समिति की सिफारिश के बाद, एक अप्रैल, 2023 से तीन अन्य थानाक्षेत्रों से अफ्सपा हटा दिया गया. इसके साथ ही नगालैंड के आठ जिलों के कुल 18 थानाक्षेत्रों को अशांत क्षेत्रों की सूची से हटा दिया गया.