AAP का बड़ा आरोप, मोदी सरकार CM केजरीवाल को लोकसभा चुनाव से पहले प्रचार से रोकने के लिए गिरफ्तार करना चाहती है
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नयी दिल्ली, 3 जनवरी : आम आदमी पार्टी (आप) ने बुधवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को लोकसभा चुनाव में प्रचार करने से रोकने के लिए उन्हें गिरफ्तार करने की साजिश रचने का आरोप लगाया. केजरीवाल दिल्ली आबकारी नीति मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा जारी तीसरे समन पर बुधवार को भी पेश नहीं हुए और उन्होंने लिखित जवाब भेजकर नोटिस को अवैध बताया. आप नेता और दिल्ली कैबिनेट मंत्री आतिशी ने समन को ‘‘बदले की राजनीतिक’’ बताया और कहा कि ईडी ने केजरीवाल के बार-बार लिखित अनुरोधों का जवाब नहीं दिया है, जिसमें यह स्पष्ट करने की मांग की गई है कि उन्हें पूछताछ के लिए क्यों बुलाया जा रहा है.

आतिशी ने कहा, ‘‘अरविंद केजरीवाल ने ईडी से बार-बार पूछा है कि वह बताए कि उन्हें पूछताछ के लिए गवाह या आरोपी, किस हैसियत से बुलाया जा रहा है. उन्होंने ईडी से सभी संबंधित प्रश्नों को एक प्रश्नावली के रूप में भेजने के लिए भी कहा है जिसका विधिवत उत्तर दिया जाएगा.’’ उन्होंने कहा कि आप ‘‘इस तरह के समन’’ से नहीं डरती.

उन्होंने कहा, ‘‘ईडी और सीबीआई (केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो) विपक्षी नेताओं पर हमला करने के इरादे से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लिए एक राजनीतिक उपकरण बन गए हैं.’’ उनके विचारों से सहमति जताते हुए दिल्ली के मंत्री और आप नेता सौरभ भारद्वाज ने ईडी के समन के समय पर सवाल उठाया. उन्होंने कहा, ‘‘ईडी ने अब तक यह जवाब नहीं दिया है कि उन्हें (केजरीवाल को) गवाह या आरोपी के तौर पर, किस हैसियत से बुलाया जा रहा है. यह भी पढ़ें : COVID-19 Update: देश में कोविड के उपस्वरूप जेएन.1 के अब तक कुल 511 मामले सामने आए

आबकारी नीति का पूरा मामला राजनीतिक है और यह केजरीवाल को लोकसभा चुनाव में प्रचार करने से रोकने का एक प्रयास है. भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने उन्हें गिरफ्तार कराने की साजिश रची है.’’ भारद्वाज ने कहा कि करीब एक साल से जेल में बंद दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया देर-सबेर निर्दोष साबित होंगे. केजरीवाल को आबकारी नीति से जुड़े धन शोधन मामले में पूछताछ के लिए बुधवार को ईडी के सामने पेश होने के लिए कहा गया था. केजरीवाल आप के संयोजक भी हैं. उन्हें ईडी का यह तीसरा नोटिस है और इससे पहले उन्होंने दो नवंबर और 21 दिसंबर के दो समन पर संघीय एजेंसी के सामने पेश होने से इनकार कर दिया था.