जरुरी जानकारी | मारुति को पहली तिमाही में उत्पादन नुकसान का अनुमान, जुलाई से स्थिति सुधरने की उम्मीद

नयी दिल्ली, 28 मई देश की सबसे बड़ी कार कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया (एमएसआई) को चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में उत्पादन नुकसान की आशंका है। हालांकि, कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि जुलाई-सितंबर की तिमाही से स्थिति सुधरने की उम्मीद है।

कंपनी अब भी इलेक्ट्रॉनिक कलपुर्जों की कमी से जूझ रही है, जिसके चलते पहली तिमाही में उसको उत्पादन में नुकसान की आशंका है। देश की सबसे बड़ी कार कंपनी काफी समय से चिप के संकट का सामना कर रही है जिससे उसके आपूर्तिकर्ता बाजार मांग को पूरा नहीं कर पा रहे हैं।

मारुति सुजुकी इंडिया के वरिष्ठ कार्यकारी अधिकारी (बिक्री एवं विपणन) शशांक श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘हमें पिछले वित्त वर्ष में 1.7 लाख इकाइयों के उत्पादन का नुकसान हुआ है । पिछले वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में हमारा नुकसान लगभग 45,000 इकाइयों का था। इसी तरह चौथी तिमाही में लगभग 38,000 इकाइयों का नुकसान हुआ।’’

मांग अधिक और आपूर्ति कम रहने की वजह से कंपनी के लंबित ऑर्डर चार लाख इकाई को पार कर गए हैं। सबसे ज्यादा एक लाख ऑर्डर अर्टिगा के लंबित हैं।

श्रीवास्तव ने कहा कि मौजूदा आपूर्ति की स्थिति के साथ कंपनी को अप्रैल में उत्पादन का नुकसान हुआ है। कुछ यही स्थिति मई और जून में भी जारी रहने की आशंका है।

उन्होंने कहा, ‘‘मई में नुकसान हुआ है और जून में ऐसा ही रहेगा। इस तिमाही में हमें उत्पादन का नुकसान होगा।’’

अर्टिगा के अलावा कॉम्पैक्ट एसयूवी ब्रेजा के 60,000 इकाइयों के ऑर्डर लंबित हैं। जिम्नी और फ्रोंक्स के 30,000-30,000 इकाइयों के ऑर्डर लंबित हैं।

श्रीवास्तव ने उम्मीद जताई कि आने वाले महीनों में चिप आपूर्ति की स्थिति में कुछ सुधार होगा।

उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए संभवत: जुलाई के बाद से हम स्थिति में कुछ सुधार देखेंगे।’’

अप्रैल में कंपनी ने 1,44,097 यात्री वाहनों का उत्पादन किया, जो पिछले साल इसी महीने के 1,52,954 इकाइयों के उत्पादन से छह प्रतिशत कम है।

बीते वित्त वर्ष 2022-23 में कंपनी ने रिकॉर्ड 19.22 लाख इकाइयों का उत्पादन किया। हालांकि, कंपनी अपने उत्पादन को 20 लाख इकाइयों के पार ले जाने के लक्ष्य से चूक गई।

सेमीकंडक्टर सिलिकन चिप हैं, जिनका इस्तेमाल वाहन, कंप्यूटर, सेलफोन और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों में ‘कंट्रोल’ और ‘मेमोरी’ के काम के लिए होता है। हाल के समय में वाहन उद्योग में सेमीकंडक्टर का इस्तेमाल तेजी से बढ़ा है।

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