जरुरी जानकारी | अंतिम घंटे की बिकवाली से फिसला बाजार, सेंसेक्स 168 अंक गिरा

मुंबई, नौ अक्टूबर भारतीय रिजर्व बैंक के मौद्रिक नीतिगत रुख में बदलाव के बीच बुधवार को स्थानीय शेयर बाजार बढ़त लेने के बाद आखिरी घंटे में बिकवाली की वजह से नीचे आ गया। मानक सूचकांक सेंसेक्स में 168 अंक और निफ्टी में 31 अंक की गिरावट दर्ज की गई।

विश्लेषकों ने कहा कि रिजर्व बैंक के नीतिगत रुख को तटस्थ करने से बाजार को समर्थन मिला था लेकिन रिलायंस इंडस्ट्रीज, आईटीसी और एचडीएफसी बैंक जैसी दिग्गज कंपनियों के शेयरों में बिकवाली से बाजार ने अपनी बढ़त गंवा दी।

बीएसई का 30 शेयरों पर आधारित मानक सूचकांक सेंसेक्स उतार-चढ़ाव भरे कारोबार में 167.71 अंक यानी 0.21 प्रतिशत गिरकर 81,467.1 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 684.4 अंक उछलकर 82,319.21 अंक के उच्चस्तर पर पहुंच गया था।

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का सूचकांक निफ्टी भी 31.20 अंक यानी 0.12 प्रतिशत गिरकर 24,981.95 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान निफ्टी 220.9 अंक की बढ़त के साथ 25,234.05 अंक पर पहुंचा था।

इस तरह शेयर बाजार एक दिन की राहत के बाद फिर से नकारात्मक बंद हुआ। मंगलवार को सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ही बढ़त के साथ बंद हुए थे। उसके पहले बाजार लगातार छह कारोबारी सत्रों में गिरावट पर रहा था।

बाजार पर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक में लिए गए फैसलों का असर नजर आया। आरबीआई ने रेपो दर में तो कोई बदलाव नहीं किया लेकिन यह ब्याज दरों में भावी कटौती की तरफ पहला कदम उठाते हुए नजर आई। इसने अपने अपेक्षाकृत आक्रामक नीतिगत रुख को 'तटस्थ' कर दिया।

सेंसेक्स की कंपनियों में से आईटीसी, नेस्ले इंडिया, हिंदुस्तान यूनिलीवर, रिलायंस इंडस्ट्रीज, लार्सन एंड टुब्रो और एचडीएफसी बैंक के शेयर गिरावट के साथ बंद हुए।

इसके उलट टाटा मोटर्स, टेक महिंद्रा, भारतीय स्टेट बैंक, मारुति सुजुकी इंडिया, बजाज फाइनेंस, एक्सिस बैंक, बजाज फिनसर्व और भारती एयरटेल के शेयरों में तेजी रही।

जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘वित्त वर्ष 2024-25 की तीसरी तिमाही के मुद्रास्फीति अनुमान को बढ़ाने से यह स्पष्ट होता है कि महंगाई आरबीआई के लिए चिंता का विषय बनी हुई है। इससे निवेशकों ने कारोबार बंद होने के पहले मुनाफावसूली को तरजीह दी। वहीं लागत कीमतों में उतार-चढ़ाव और मार्जिन पर प्रभाव ने दैनिक उपभोग के सामान बनाने वाली कंपनियों के शेयरों को गिरा दिया।’’

नायर ने कहा कि आरबीआई के नीतिगत रुख का तटस्थ होना अपेक्षित था लेकिन उसकी टिप्पणी निकट भविष्य में रेपो दर में कटौती की ओर इशारा नहीं कर रही है।

व्यापक बाजार में बीएसई मिडकैप सूचकांक में 1.06 प्रतिशत की बढ़त रही जबकि स्मालकैप सूचकांक 1.21 प्रतिशत उछल गया।

क्षेत्रवार सूचकांकों में रियल्टी खंड में 2.21 प्रतिशत की तगड़ी बढ़त देखी गई। इसके अलावा स्वास्थ्य देखभाल खंड में 1.68 प्रतिशत और बिजली खंड में 1.18 प्रतिशत की तेजी दर्ज की गई जबकि एफएमसीजी खंड में 1.31 प्रतिशत की गिरावट रही।

मेहता इक्विटीज लिमिटेड में वरिष्ठ उपाध्यक्ष (शोध) प्रशांत तापसे ने कहा, "बाजार कारोबारी सत्र के दूसरे हिस्से में अपनी बढ़त गंवा बैठा और तिमाही नतीजों की शुरुआत के पहले निवेशकों ने मुनाफावसूली करनी शुरू कर दी।"

हालांकि अंतिम दौर की बिकवाली का कुल बाजार मूल्यांकन पर नकारात्मक असर नहीं पड़ा। बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का सम्मिलित रूप से बाजार पूंजीकरण 2.63 लाख करोड़ रुपये बढ़कर 4,62,14,144.39 करोड़ रुपये हो गया।

शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशकों ने मंगलवार को 5,729.60 करोड़ रुपये के शेयरों की बिकवाली की जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों ने 7,000.68 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे।

एशिया के अन्य बाजारों में चीन का शंघाई कंपोजिट, हांगकांग का हैंगसेंग और दक्षिण कोरिया का कॉस्पी नुकसान में रहे, जबकि जापान का निक्की बढ़त पर रहा।

यूरोप के अधिकांश बाजार दोपहर के कारोबार में बढ़त के साथ कारोबार कर रहे थे। अमेरिकी बाजार मंगलवार को बढ़त के साथ बंद हुए थे।

अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.87 प्रतिशत बढ़कर 77.85 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। पश्चिम एशिया में तनाव बढ़ने के बाद से ही कच्चे तेल में तेजी का रुख देखा जा रहा है।

बीएसई सेंसेक्स छह दिन की गिरावट के बाद मंगलवार को 584.81 अंक बढ़कर 81,634.81 अंक पर और एनएसई निफ्टी 217.40 अंक बढ़कर 25,013.15 अंक पर बंद हुआ था।

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