West Bengal Assembly Election 2021: मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) महासचिव सीताराम येचुरी (Sitaram Yechury) ने रविवार को कहा कि आरएसएस-भाजपा की सांप्रदायिक गतिविधि को रोकने के लिए यह जरूरी है कि पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में पहले तृणमूल कांग्रेस को हराया जाए. उन्होंने दावा किया कि राज्य में त्रिशंकु विधानसभा होने की स्थिति में ममता बनर्जी नीत पार्टी सरकार बनाने के लिए फिर से राजग में शामिल हो सकती है. तृणमूल कांग्रेस और भाजपा के बीच जारी राजनीतिक खींचतान को नूराकुश्ती बताते हुए येचुरी ने आरोप लगाया कि भगवा पार्टी कोविड-19 महामारी से निपटने के लिए बनाये गये ‘पीएम केयर्स’ फंड का इस्तेमाल चुनावों के दौरान नेताओं को ‘‘खरीदने’’ में कर रही है.
उन्होंने कहा, ‘‘दिल्ली में सिंघू बॉर्डर पर किसान (नरेन्द्र) मोदी सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। अगर किसान, जो हमें भोजन मुहैया कराते हैं, ऐसी वीरतापूर्ण लड़ाई लड़ सकते हैं, तो हम भी यहां ऐसा कर सकते हैं. येचुरी ने पश्चिम बंगाल में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले यहां ब्रिगेड परेड ग्राउंड में माकपा और कांग्रेस की एक संयुक्त रैली को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘वामपंथी और धर्मनिरपेक्ष ताकतों का यह महागठबंधन राज्य में भ्रष्ट तृणमूल कांग्रेस सरकार और भाजपा को हराने और बेहतर बंगाल के लिए लड़ेगा. यह भी पढ़े: West Bengal Assembly Election 2021: बंगाल चुनाव की तारीखों का ऐलान होते ही सियासी बयानबाजी हुई तेज, ममता बनर्जी ने कसा तंज तो कैलाश विजयवर्गीय ने दी ये प्रतिक्रिया
वंशवाद की राजनीति के मुद्दे पर कई अन्य राजनीतिक दलों, खासकर कांग्रेस पर हमला करने को लेकर भाजपा की आलोचना करते हुए येचुरी ने हैरानी जताते हुए कहा कि केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह का बेटा भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) का सचिव कैसे बन गया उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा, भ्रष्टाचार और वंशवाद की राजनीति की बात करती है. एक स्टेडियम नरेन्द्र मोदी के नाम पर है. अमित शाह के बेटे क्रिकेट संघ (बीसीसीआई) में एक पदाधिकारी हैं.’ माकपा नेता ने आरोप लगाया कि राज्य में ममता बनर्जी प्रशासन युवाओं के साथ वही कर रहा है, जो केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार किसानों के खिलाफ कर रही है.
उन्होंने कहा, ‘‘कई लोग मुझसे पूछते हैं कि त्रिशंकु विधानसभा होने की स्थिति में हम क्या करेंगे। मैं उनसे कहता हूं कि वे यह सवाल सीधे तृणमूल कांग्रेस से करें क्योंकि वे इसका जवाब देने के लिए सबसे अच्छी स्थिति में हैं. उन्होंने कहा, ‘‘तृणमूल कांग्रेस 1998 से (कई वर्षों तक) राजग का हिस्सा रही है। वह (केन्द्र में) राजग सरकार का हिस्सा रही है। (चुनाव के बाद) त्रिशंकु विधानसभा होने की स्थिति में मुझे पूरा विश्वास है कि तृणमूल कांग्रेस राज्य में सरकार बनाने के लिए भाजपा से हाथ मिला लेगी.
येचुरी ने कहा, ‘‘बंगाल में तृणमूल कांग्रेस और भाजपा को हराने के लिए सभी धर्मनिरपेक्ष ताकतों को एक साथ आना होगा. उन्होंने दावा किया कि भाजपा और तृणमूल कांग्रेस धर्म का इस्तेमाल देश और राज्य के लोगों की समस्याओं से ध्यान हटाने के लिए कर रहे हैं.
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