चंडीगढ़, 25 दिसंबर पंजाब के पुलिस महानिदेशक सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय ने शनिवार को कहा कि लुधियाना जिला अदालत धमाका मामले की प्रारंभिक जांच में पता चला है कि विस्फोट में जिस पूर्व पुलिस हेड कांस्टेबल की मौत हुई, वह बम के पुर्जों को जोड़ने के लिए शौचालय में गया था।
डीजीपी ने यहां संवाददाताओं से कहा कि गगनदीप सिंह को 2019 में सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था और वह शौचालय में अकेला था] जब बम धमाका हुआ। चट्टोपाध्याय ने कहा कि सिंह के कुछ खालिस्तानी तत्वों और मादक पदार्थ तस्करों से संबंध थे। सिंह, खन्ना का निवासी था और उसे मादक पदार्थ से जुड़े एक मामले में बर्खास्त किया गया था।
बृहस्पतिवार को अदालत परिसर में हुए विस्फोट में सिंह की मौत हो गई थी तथा छह अन्य घायल हो गए थे। इस घटना के बाद पंजाब सरकार ने राज्य में हाई अलर्ट घोषित किया था। यह पूछे जाने पर कि क्या बम में आरडीएक्स का इस्तेमाल किया गया था, चट्टोपाध्याय ने कहा कि विस्फोटक को फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है और उसकी रिपोर्ट आने के बाद पता चलेगा कि उसमें कौन सी सामग्री का इस्तेमाल किया गया था।
उन्होंने कहा, “मैं निश्चित तौर पर नहीं कह सकता कि विस्फोट में किस सामग्री का इस्तेमाल किया गया था।” एक अन्य सवाल के जवाब में डीजीपी ने कहा कि सिंह जब पुलिस सेवा में था, तब उसका तकनीकी ज्ञान अच्छा था। राज्य के पुलिस प्रमुख ने कहा, “उसे कम्प्यूटर और तकनीक का बहुत अच्छा ज्ञान था।”
मानव बम की संभावना से इनकार करते हुए चट्टोपाध्याय ने कहा, “ऐसा लगता है कि वह कुछ तार जोड़ने और उसे (बम) लगाने के लिए लिए वहां (शौचालय) गया था। मानव बम ऐसे नहीं बनते।”
अधिकारी ने कहा, “वह जिस तरह से बैठा था, उससे ऐसा नहीं लगता कि वह उसका (शौचालय) का इस्तेमाल करने गया था। वह शौचालय का इस्तेमाल उसे (बम) जोड़ने के लिए कर रहा था। वह वहां अकेला था।”
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