देश की खबरें | उपराज्यपाल ने आतिशी को पत्र लिखा, कैग रिपोर्ट पेश करने में देरी पर आप सरकार की आलोचना की

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) की रिपोर्ट विधानसभा में पेश करने में देरी पर मुख्यमंत्री आतिशी को पत्र लिखकर चिंता जताई है। उन्होंने राज्य सरकार पर आरोप लगाया कि वह सार्वजनिक जांच से बचने के लिए जानबूझकर कई रिपोर्ट को दबाकर बैठी है।

नयी दिल्ली, 29 नवंबर दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) की रिपोर्ट विधानसभा में पेश करने में देरी पर मुख्यमंत्री आतिशी को पत्र लिखकर चिंता जताई है। उन्होंने राज्य सरकार पर आरोप लगाया कि वह सार्वजनिक जांच से बचने के लिए जानबूझकर कई रिपोर्ट को दबाकर बैठी है।

पत्र में कड़े शब्दों का इस्तेमाल करते हुए सक्सेना ने कहा कि सीएजी (कैग) कार्यालय की ओर से त्वरित कार्रवाई के अनुरोध वाले कई अनुस्मारक भेजे गए हैं।

सक्सेना ने लिखा, ‘‘मैं सीएजी रिपोर्टों को विधानसभा के पटल पर न रखे जाने के मुद्दे पर आपका तत्काल ध्यान आकर्षित करने के लिए लिख रहा हूं, जो सत्ता में सरकार की जवाबदेही के संवैधानिक ढांचे का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।’’

उन्होंने इस बात की ओर ध्यान दिलाया कि रिपोर्ट शुक्रवार को विधानसभा में पेश नहीं की गई, जबकि फरवरी में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर इसके आखिरी सत्र होने की संभावना है। सक्सेना ने इस देरी को संवैधानिक रूप से घोर अनुचित कृत्य बताया।

पत्र में उन्होंने लिखा, ‘‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली की सरकार ने जानबूझकर इस संवैधानिक मानदंड का पालन नहीं करने का फैसला किया है, ताकि सरकार के प्रदर्शन के खुलासे और सार्वजनिक जांच से बचा जा सके।’’

उपराज्यपाल ने कहा कि उन्होंने इस मुद्दे को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के समक्ष बार-बार उठाया। सक्सेना ने आतिशी की तारीफ भी की और कहा, ‘‘आप शानदार शैक्षणिक योग्यता रखने वालीं एक कुशल राजनीतिक नेता हैं। मुझे पूरा विश्वास है कि आप मेरी सलाह मानेंगी और विधानसभा के चालू सत्र के दौरान जनता के भरोसे को बरकरार रखेंगीं।’’

अधिकारियों के अनुसार, जून 2022 से प्राप्त 12 सीएजी रिपोर्ट अभी तक पेश नहीं की गई हैं। ये रिपोर्ट राज्य के वित्त, वाहन से होने वाले वायु प्रदूषण की रोकथाम, सार्वजनिक स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे, शराब विनियमन और 2020-21 के वित्तीय खातों जैसे प्रमुख क्षेत्रों से संबंधित हैं।

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