विदेश की खबरें | कुवैत के विदेश मंत्री ने भारत के साथ गहरे संबंधों की सराहना की

कुवैत सिटी, 11 जून कुवैत के विदेश मंत्री शेख अहमद अल नासिर अल सबा ने भारत के साथ अपने देश के गहरे संबंधों की सराहना की और कहा कि ये द्विपक्षीय संबंध हमेशा ही आगे बढ़ते रहे हैं। उन्होंने दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंध स्थापित होने के 60 बरस पूरे होने की पृष्ठभूमि में यह बात कही।

कुवैत के विदेश मंत्री ने अपने भारतीय समकक्ष एस. जयशंकर से यहां बृहस्पतिवार को मुलाकात की। सरकारी समाचार एजेंसी कुना के मुताबिक सबा ने कहा कि अनेक क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों में जबरदस्त प्रगति हुई है। भारत के साथ अपने देश के गहरे संबंधों की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि ये द्विपक्षीय संबंध हमेशा ही आगे बढ़ते रहे हैं।

जयशंकर ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी से जो झटका लगा है उससे उबारने के लिए कुवैत ने जो मदद की है उसकी भारत सरकार सराहना करती है। उल्लेखनीय है कि कोरोना वायरस महामारी की दूसरी विनाशकारी लहर से निबटने के लिए कुवैत राहत सामग्री और मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति के रूप में सहायता दे रहा है। बीते कुछ हफ्तों में भारतीय नौसेना के पोत कुवैत से बड़ी मात्रा में मेडिकल ऑक्सीजन लेकर भारत गए हैं।

जयशंकर और सबा के बीच हुई बातचीत के मुख्य बिंदु खाद्य सुरक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र थे। इस दौरान अनेक क्षेत्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय घटनाओं पर भी बात हुई तथा दोनों ही पक्ष ने कारोबार एवं निवेश जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में और सहयोग की संभावना पर बात की।

जयशंकर ने इस बैठक के बाद ट्वीट किया, ‘‘कुवैत के विदेश मंत्री के साथ सार्थक बातचीत हुई।’’ उन्होंने कहा कि चर्चा में स्वास्थ्य, भोजन, शिक्षा, ऊर्जा, डिजिटल एवं व्यापारिक सहयोग के विषय शामिल थे। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘हमारे संयुक्त आयोग की जल्द बैठक कर प्रगति की समीक्षा करने पर सहमति बनी।’’

कुवैत के लिए भारत सबसे बड़े व्यापारिक साझेदारों में से एक है, वहीं यह खाड़ी देश भारत का प्रमुख तेल आपूर्तिकर्ता है।

ऊर्जा, व्यापार, निवेश, श्रमशक्ति और सूचना प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में संबंधों को मजबूत करने के लिए दोनों देशों द्वारा संयुक्त मंत्री स्तरीय आयोग गठित करने का निर्णय किए जाने के तीन महीने बाद जयशंकर की यह यात्रा हो रही है। कुवैत के विदेश मंत्री अल सबा ने मार्च में भारत की यात्रा की थी। इस दौरान दोनों पक्षों ने एक संयुक्त आयोग गठित करने का फैसला किया था।

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