जरुरी जानकारी | गुजरात के हीरा उद्योग पर कोविड- 19 का कोई असर नहीं

सूरत, 16 अप्रैल हाल में कोविड-19 की दूसरी लहर बढ़ने के साथ प्रवासी कामगारों के शहर छोड़कर गांवों की तरफ जाने के मामले में गुजरात के सूरत शहर के हीरा उद्योग का दावा है कि मौजूदा परिवेश का उसके कामकाज पर अब तक कोई असर नहीं पड़ा है।

ऐसी रिपोर्ट आ रही हैं कि कोविड- 19 के मामले बढ़ने और लॉकडाउन लगने की आशंका में प्रवासी मजदूर बड़ी संख्या में अपने गांवों की तरफ जाने लगे हैं।

सूरत डायमंड एसोसियेसन के मुताबिक सूरत शहर में 3,000 के करीब छोटे और बड़े हीरा कारोबारियों द्वारा पांच लाख कर्मचारियों को काम पर रखा गया है। यहां जयादातर प्रवासी मजदूर सौराष्ट्र और उत्तरी गुजरात के हैं जबकि केवल 10 प्रतिशत कामगार ही उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और बिहार से आते हैं।

सूरत डायमंड एसोसियेसन के अध्यक्ष नानू वेकारिया ने यह जानकारी देते हुये कहा कि इन पांच लाख कर्मचारियों में से केवल पांच प्रतिशत ही हाल में अपने गांवों को गये हैं। इनमें गुजरात और गुजरात से बाहर दोनों जगह के कामगार हो सकते हैं।

वेकारिया ने कहा, ‘‘कुछ प्रवासी मजदूर तो शादी- ब्याह और दूसरे सामाजिक कार्यों में शामिल होने के लिये गये हैं जबकि कुछ लोग लॉकडाउन के डर से भी शहर छोड़कर गये हैं। वहीं कुछ अपने बीमार माता- पिता और संबंधियों की खोज खबर लेने भी गये हैं।’’

उनहोंने कहा कि अब तक डायमंड पॉलिश उद्योग पर इसका कोई असर नहीं है। ‘‘हीरे कटिंग और उसे पालिश करने वाले ज्यादातर उद्यमों में कामकाज जारी है। थोड़े बहुत मजदूर गये हैं जैसे ही स्थिति सामान्य होगी वह भी लौट आयेंगे। बहरहाल, अब तक हीरा उद्योग पर प्रवासी मजदूरों के पलायन का कोई असर नहीं है।’’

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)