देश की खबरें | खड़गे ने कोविड-19 मुद्दे पर प्रधानमंत्री से सर्वदलीय बैठक बुलाने का आग्रह किया

नयी दिल्ली, नौ मई कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह किया कि वह कोविड महामारी से निपटने के लिए सामूहिक रूप से एक समग्र ब्लूप्रिंट तैयार करने के वास्ते तत्काल सर्वदलीय बैठक बुलाएं।

प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में खड़गे ने आरोप लगाया कि ऐसा प्रतीत होता है कि केंद्र सरकार लोगों के प्रति अपने दायित्व से विमुख हो गई है और वर्तमान स्थिति में एक समग्र एवं सर्वसम्मत प्रयास किए जाने की आवश्यकता है।

उन्होंने महामारी से उत्पन्न संकट से निपटने के लिए छह सुझाव भी भेजे और कहा कि प्रधानमंत्री कार्यालय खुद अकेले इससे नहीं निपट सकता।

खड़गे ने प्रधानमंत्री से कहा, ‘‘महामारी से निपटने के लिए सामूहिक रूप से एक समग्र ब्लूप्रिंट तैयार करने के वास्ते मैं आपसे सर्वदलीय बैठक बुलाने का आग्रह करता हूं। हमारे लिए यह सही तरह काम करने और विशेषज्ञों एवं कार्यकर्ताओं के सुझावों को क्रियान्वित करने का एक अच्छा अवसर होगा, जिनके परामर्श की दुर्भाग्य से अब तक अनदेखी की गई है।’’

उन्होंने कहा कि वह अपनी गंभीर चिंता और राष्ट्र के समक्ष अभूतपूर्व संकट से उत्पन्न नाराजगी के बारे में अवगत कराने के लिए पत्र लिख रहे हैं।

खड़गे ने नि:शुल्क टीकाकरण का आह्वान करते हुए कहा कि संसद ने सभी के नि:शुल्क टीकाकरण के लिए केंद्रीय बजट में 35,000 करोड़ रुपये आवंटित किए थे।

उन्होंने कहा कि इसके बावजूद, केंद्र सरकार ने टीकों के लिए काफी अधिक और अलग-अलग कीमत तय करने की निजी कंपनियों को अनुमति दे दी तथा टीकों की खरीद की जिम्मेदारी राज्य सरकारों पर डाल दी जो पहले से ही वित्तीय दबाव में हैं।

खड़गे ने कहा, ‘‘इससे लाखों भारतीयों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। सर, कॉरपोरेट का लाभ लोगों का जीवन नहीं बचा पाएगा। इसलिए मैं आपसे आग्रह करता हूं कि नागरिकों के टीकाकरण में राज्य के नैतिक दायित्व से आप विमुख न हों। यह पूरी तरह संभव है क्योंकि सफल, बड़े पैमाने पर टीकाकरण कार्यक्रमों का भारत का इतिहास रहा है।’’

उन्होंने कहा कि यह देखना अत्यंत दुखद है कि लाखों आम भारतीयों को बुनियादी स्वास्थ्य देखरेख, ऑक्सीजन, दवाओं, वेंटिलेटर, अस्पताल बिस्तरों और यहां तक कि शवदाह गृहों और कब्रिस्तानों तक पहुंच के लिए भी संघर्ष करना पड़ रहा है।

कांग्रेस नेता ने कहा कि आम भारतीय नागरिक अपने प्रियजनों का उपचार सुनिश्चित करने के लिए अपनी जमीन और आभूषण बेच रहे हैं तथा अपनी जमा पूंजी खर्च कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि हालत यह है कि लोगों के अंतिम संस्कार के लिए पार्कों तक का इस्तेमाल करना पड़ रहा है।

खड़गे ने कहा कि विभिन्न राज्य सरकारों, विपक्षी दलों, डॉक्टरों/नर्सों/अन्य स्वास्थ्य देखरेख संगठनों, नागरिक समाज और नागरिक समूहों ने दायित्व संभाल रखा है और वे कोविड-19 के खिलाफ इस असाधारण राष्ट्रीय लड़ाई में अग्रिम पंक्ति में सामूहिक रूप से काम कर रहे हैं।

राज्यसभा में नेता विपक्ष ने सभी नागरिकों के नि:शुल्क टीकाकरण का आह्वान किया और कहा कि इस काम के लिए संसद द्वारा आवंटित 35,000 करोड़ रुपये की राशि का इस्तेमाल किया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को ‘‘हमारी सामूहिक शक्ति’’ का लाभ उठाना चाहिए क्योंकि प्रधानमंत्री कार्यालय के लिए खुद अकेले इस संकट से निपटना असंभव है।

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)