तिरुवनंतपुरम, 23 नवंबर केरल में वायनाड लोकसभा सीट और दो विधानसभा सीट के लिए हुए उपचुनाव के नतीजे कांग्रेस नीत संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) के लिए मनोबल बढ़ाने वाले हैं।
वहीं, उपचुनाव के इन परिणामों से सत्तारूढ़ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेतृत्व वाले वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) ने भी राहत की सांस ली है जबकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) को निराशा हाथ लगी है।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने वायनाड सीट से अपनी पहली चुनावी जीत हासिल कर ली है जबकि पलक्कड़ विधानसभा क्षेत्र में पार्टी के उम्मीदवार राहुल ममकूटथिल ने भारी अंतर से जीत हासिल की।
प्रियंका ने वायनाड निर्वाचन क्षेत्र में एलडीएफ के सत्यन मोकेरी को 4.10 लाख से अधिक मतों के अंतर से हराकर अपनी पहली चुनावी जीत दर्ज की।
प्रियंका को 6,22,338 वोट मिले जो इस वर्ष अप्रैल में लोकसभा चुनाव में वायनाड में उनके भाई राहुल गांधी को मिले 6,47,445 मतों से कम हैं। हालांकि वायनाड लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में कम मतदान होने के बावजूद प्रियंका गांधी की जीत का अंतर 4,10,931 रहा जो कि राहुल गांधी की 3,64,422 मतों के अंतर से अधिक है।
वायनाड में 2024 के लोकसभा चुनाव में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) की एनी राजा ने 2,83,023 मतों के साथ दूसरा स्थान हासिल किया था, जबकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के के. सुरेंद्रन 1,41,045 मतों के साथ तीसरे स्थान पर रहे थे।
युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष ममकूटथिल ने पलक्कड़ सीट पर 18,000 से अधिक मतों के अंतर से जीत हासिल की, यहां तक कि भाजपा के गढ़ वाले क्षेत्रों में भी उसने सेंध लगाई, जिससे भाजपा को झटका लगा। पिछले कुछ चुनावों में दूसरे स्थान पर रहने के बाद भाजपा यह सीट जीतने की उम्मीद कर रही थी।
भाजपा की परेशानियों को बढ़ाते हुए वाम दलों ने इस सीट पर अपना प्रदर्शन सुधारा और भाजपा के साथ अंतर कम कर दिया। सत्तारूढ़ एलडीएफ को राहत प्रदान करते हुए, माकपा के यू आर प्रदीप ने केरल में चेलाक्कारा विधानसभा उपचुनाव जीत लिया, उन्होंने कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ की राम्या हरिदास को 12,201 मतों के अंतर से हराया।
यद्यपि कांग्रेस ने 2021 के चुनावों के दौरान चेलाक्कारा सीट पर वामपंथियों द्वारा हासिल किए गए बड़े अंतर को काफी हद तक कम कर दिया, लेकिन वह विधानसभा क्षेत्र में लोकसभा चुनाव के दौरान हासिल किए गए मत प्रतिशत को हासिल नहीं कर पाई।
केरल विधानसभा में विपक्ष के नेता वी डी सतीशन ने कोच्चि में संवाददाताओं से कहा, ‘‘वायनाड और पलक्कड़ में शानदार जीत और चेलाक्कारा में शानदार प्रदर्शन यूडीएफ और कांग्रेस के सामूहिक टीमवर्क का नतीजा है। यह जीत उसी टीमवर्क को समर्पित है। ’’
यूडीएफ ने कहा कि उपचुनाव के नतीजों में केंद्र और राज्य दोनों ही सरकारों के खिलाफ जनता की प्रबल भावना परिलक्षित हुई है।
केरल में वामपंथी सरकार के खिलाफ मजबूत सत्ता विरोधी लहर का दावा करते हुए सतीशन ने कहा कि पिछले तीन वर्षों में थ्रीक्काकारा और पुथुप्पल्ली विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव हुए, जहां कांग्रेस उम्मीदवारों ने रिकॉर्ड अंतर से जीत हासिल की।
उन्होंने कहा, ‘‘इसी तरह, पलक्कड़ में ममकूटथिल ने अपने पूर्ववर्ती और कांग्रेस नेता शफी परमबिल की तुलना में लगभग पांच गुना अधिक अंतर से जीत हासिल की। ’’
माकपा के राज्य सचिव एम वी गोविंदन ने चुनावों में सरकार विरोधी भावना के दावों को खारिज करते हुए कहा, ‘‘यदि ऐसी भावना होती तो हम चेलाक्कारा में अधिक मत हासिल नहीं कर पाते। ’’
उन्होंने कहा कि यूडीएफ के मत प्रतिशत में लोकसभा चुनाव की तुलना में गिरावट आई है, लेकिन वाम दलों ने अपनी सीट बरकरार रखी है।
गोविंदन ने कहा, ‘‘पलक्कड़ में कांग्रेस की जीत में एसडीपीआई और जमात-ए-इस्लामी की अहम भूमिका रही। यह उनके विजय प्रदर्शनों से स्पष्ट है। पलक्कड़ विक्टोरिया कॉलेज के सामने पहला विजय जुलूस कांग्रेस का नहीं बल्कि एसडीपीआई का था।’’
यह उपचुनाव केरल में तीनों मोर्चों के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि यह राज्य में नगर निकाय चुनावों से एक वर्ष पहले और विधानसभा चुनावों से डेढ़ वर्ष पहले हुआ है।
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