
बेंगलुरु, एक अगस्त कर्नाटक उच्च न्यायालय ने जनता दल (सेक्युलर) के नेता एच.डी. रेवन्ना को दी गई जमानत रद्द करने का आग्रह करने वाली विशेष जांच दल (एसआईटी) की याचिका पर बृहस्पतिवार को अपना आदेश सुरक्षित रख लिया। एच.डी. रेवन्ना पर एक महिला का अपहरण करने का आरोप है।
पुलिस के अनुसार, महिला का कथित तौर पर अपहरण इसलिए किया गया ताकि वह विधायक के बेटे और पूर्व सांसद प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ गवाही न सके। प्रज्वल पर महिला के साथ बलात्कार करने का आरोप है। एसआईटी की याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति एम. नागप्रसन्ना ने प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ आरोपों की गंभीरता को देखते हुए कहा कि मामले के तथ्य विशेष रूप से “भयावह” हैं और विशेष सांसद/विधायक अदालत द्वारा जमानत नहीं दी जानी चाहिए थी।
एसआईटी की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता रविवर्मा कुमार ने मामले का विवरण प्रस्तुत करते हुए दलील दी कि आरोपों की प्रकृति जमानत रद्द करने की मांग करती है।
उन्होंने कहा कि जमानत देने का अधीनस्थ अदालत का फैसला गलत था और इसे रद्द करने की जरूरत है।
एच.डी. रेवन्ना की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता सी.वी. नागेश ने दलील दी कि अभियोजन पक्ष न सिर्फ जमानत रद्द करने की मांग कर रहा है, बल्कि जमानत देने वाले आदेश को भी चुनौती दे रहा है।
उन्होंने दलील दी कि अपहरण का आरोप टिकने लायक नहीं है क्योंकि पीड़िता नाबालिग नहीं है।
उन्होंने कहा, “वह घर में घरेलू सहायिका थी। उसे बुलाया गया था। कोई धोखा नहीं था, कोई धमकी नहीं थी...कोई बंधक नहीं बनाया गया।”
दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने अपना आदेश सुरक्षित रख लिया।
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