बेंगलुरु, 21 नवंबर कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव ने बैंगलोर मेडिकल कॉलेज एवं अनुसंधान संस्थान (बीएमसीआरआई) से संबद्ध अस्पतालों में उपयोगकर्ता शुल्क में बढ़ोतरी को उचित ठहराया है।
राव ने बृहस्पतिवार को कहा कि शुल्क में यह वृद्धि लोगों पर बोझ डाले बिना 'न्यूनतम' थी। उपयोगकर्ता शुल्क एक ऐसी धनराशि है जो किसी विशेष सेवा या सुविधा तक पहुंच प्राप्त करने के लिए आवश्यक शर्त के रूप में चुकाई जाती है।
बीएमसीआरआई से संबद्ध राज्य संचालित विक्टोरिया, मिंटो, वाणी विलास, सुपर स्पेशियलिटी और ट्रॉमा एवं इमरजेंसी केयर अस्पतालों में उपचार, सर्जरी, रक्त परीक्षण, स्कैन और अन्य चिकित्सा सेवाओं के लिए उपयोगकर्ता शुल्क एक नवंबर से संशोधित किया गया है।
राज्य के स्वास्थ्य मंत्री ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘उपयोगकर्ता शुल्क का निर्धारण कई वर्ष पहले किया गया था, हमने कुछ मामलों में उसे 10 और 20 प्रतिशत तक संशोधित किया है। जो 10 रुपये था, उसे हमने बढ़ाकर 20 रुपये कर दिया है और जो 20 रुपये था, उसे बढ़ाकर 40 या 50 रुपये कर दिया है। तब की दरों और आज की दरों में कोई तुलना नहीं हो सकती।’’
उन्होंने इस वृद्धि को लोगों पर बोझ डाले बिना 'न्यूनतम' बताया।
उन्होंने कहा, ‘‘...आजकल यदि सरकार कुछ करती है तो उसे गारंटी योजनाओं से जोड़कर देखा जाता है और कहा जाता है कि गारंटी योजनाओं के कारण सरकार के पास पैसा नहीं है, इसलिए ये काम किए जा रहे हैं। मुझे यह बात समझ में नहीं आती। क्या पहले पानी और बिजली के बिलों में संशोधन नहीं होता था? पहले की सरकारों में भी ऐसे ही बिल बढ़े हैं...। ’’
नयी दरों के अनुसार, विशेष वार्ड में एक बिस्तर का शुल्क 750 रुपये से बढ़ाकर 2,000 रुपये प्रतिदिन कर दिया गया है, जबकि विशेष वार्ड में दोहरे बिस्तर के लिए शुल्क 750 रुपये से बढ़ाकर 1,000 रुपये कर दिया गया है।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि इन विशेष वार्डों में मरीजों को अतिरिक्त अस्पताल प्रक्रिया शुल्क भी देना होगा। सामान्य वार्ड का शुल्क 15 रुपये प्रतिदिन से बढ़ाकर 50 रुपये कर दिया गया है।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)