बेंगलुरु, 30 नवंबर केंद्रीय मंत्री शोभा करंदलाजे ने कर्नाटक में सिद्धरमैया के नेतृत्व वाली सरकार पर बल्लारी जिले में मातृ मृत्यु के वास्तविक आंकड़े ‘छिपाने’ का आरोप लगाते हुए शनिवार को राज्य के स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव के खिलाफ जांच और कार्रवाई की मांग की।
करंदलाजे ने कहा कि केवल एक सप्ताह में बल्लारी जिला अस्पताल में चार महिलाओं की मौत हो गई और वीआईएमएस (विजयनगर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, बल्लारी) में एक और महिला की जान चली गई।
पीड़ित परिवारों के लिए मुआवजे की मांग करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘सिद्धरमैया सरकार आंकड़े छिपा रही है. तुरंत जांच होनी चाहिए और मंत्री राव के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।’’
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा, ‘‘जो ग्लूकोज ‘सिजेरियन’ के बाद चढ़ाया गया, वह नकली था। रिंगर लैक्टेट ग्लूकोज की आपूर्ति पश्चिम बंगा फार्मास्युटिकल लिमिटेड द्वारा की गई थी। इस ग्लूकोज पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। विभाग द्वारा इसे न देने की बात कही गई थी। इसके बाद भी इसका इस्तेमाल किया गया और महिलाओं की जान चली गई।’’
राव ने इससे पहले दिन में कहा था, ‘‘इस चिंता के बीच कि बल्लारी जिले में हाल ही में हुई मातृ मृत्यु को घटिया रिंगर लैक्टेट सल्यूशन से जोड़ा जा सकता है, एहतियात के तौर पर सभी सरकारी अस्पतालों में इसका उपयोग निलंबित कर दिया गया है।’’
केंद्रीय मंत्री ने पूछा कि अगर केवल तीन-चार जिलों में लगभग 30 महिलाओं और 111 बच्चों की मौत हुई है, तो पूरे राज्य में कितनी मौतें हुई होंगी? उन्होंने सिद्धरमैया सरकार पर मातृ मृत्यु के सटीक आंकड़े छिपाने का आरोप लगाया।
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि सिजेरियन ऑपरेशन के बाद नौ से 11 नवंबर के बीच बल्लारी जिला अस्पताल में मातृ मृत्यु में अचानक वृद्धि हुई है।
स्वास्थ्य विभाग के बयान में कहा गया है कि इस अवधि के दौरान 34 सीजेरियन ऑपरेशन किये गये, लेकिन इनमें से सात रोगियों को जटिलताओं का अनुभव हुआ, जिसमें गुर्दे को गंभीर नुकसान पहुंचने समेत कई अंगों के ठीक से काम न करने की शिकायत शामिल है। गुर्दे को क्षति पहुंचने के कारण डायलिसिस की आवश्यकता पड़ी।
इसमें कहा गया है कि प्रभावित मरीजों में से चार की मौत हो गई, जबकि दो को छुट्टी दे दी गई और एक का वर्तमान में बल्लारी के वीआईएमएस में इलाज किया जा रहा है।
राज्य सरकार को ‘निर्दयी’ और ‘क्रूर’ करार देते हुए केंद्रीय मंत्री ने पूछा, ‘‘पश्चिम बंगा फार्मास्युटिकल लिमिटेड किसकी है और उससे दवाएं क्यों खरीदी जा रही थीं?’’
केंद्रीय मंत्री ने आरोप लगाया कि जिला स्वास्थ्य अधिकारियों को महिलाओं और बच्चों की मौत के सही आंकड़े छिपाने का निर्देश दिया गया है।
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