नयी दिल्ली, 30 नवंबर कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने संभल की मस्जिद के सर्वेक्षण से जुड़े मामले की पृष्ठभूमि में शनिवार को दावा किया कि पूर्व प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की उपासना स्थल कानून से जुड़ी टिप्प्णी के कारण भानुमति का पिटारा खुला।
ज्ञानवापी मामले की सुनवाई करते हुए, तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने मई, 2022 में कहा था कि उपासना स्थल अधिनियम किसी को 15 अगस्त, 1947 को किसी संरचना के धार्मिक चरित्र का पता लगाने से नहीं रोकता है।
रमेश ने 1991 में उपासना स्थल विधेयक पर राज्यसभा में हुई चर्चा का कुछ लिखित अंश साझा करते हुए शनिवार को एक्स पर पोस्ट किया, "बारह सितंबर, 1991 को राज्यसभा ने उस विधेयक पर चर्चा की थी जो बाद में उपासना स्थल (विशेष उपबंध) अधिनियम, 1991 बन गया। भारत के हाल ही में सेवानिवृत्त प्रधान न्यायाधीश द्वारा की गई मौखिक टिप्पणियों के कारण यह इन दिनों बहुत चर्चा में है।"
उन्होंने दावा किया कि न्यायमूर्ति डी.वाई. चंद्रचूड़ ने 20 मई, 2022 को एक भानुमति का पिटारा खोल दिया है।
उन्होंने कहा, "इस संसदीय चर्चा के अवसर पर शायद राज्यसभा के इतिहास में सबसे महान भाषणों में से एक प्रतिष्ठित लेखक राजमोहन गांधी द्वारा दिया गया था, जो उस समय संसद सदस्य थे।"
रमेश ने कहा कि उनका शानदार भाषण, निरंतर प्रासंगिकता रखता है।
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