जरुरी जानकारी | बीमा कंपनियां मामूली आधार पर दावों को नकारती हैं, बहुत तकनीकी नहीं होना चाहिए: न्यायालय

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Information at LatestLY हिन्दी. उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि बीमा कंपनियां कई मामलों में दावों को ‘‘मामूली आधार’’ पर मना कर रही हैं, और उन्हें दावों का निपटान करते समय बहुत तकनीकी रवैया नहीं अपनाना चाहिए।

Close
Search

जरुरी जानकारी | बीमा कंपनियां मामूली आधार पर दावों को नकारती हैं, बहुत तकनीकी नहीं होना चाहिए: न्यायालय

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Information at LatestLY हिन्दी. उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि बीमा कंपनियां कई मामलों में दावों को ‘‘मामूली आधार’’ पर मना कर रही हैं, और उन्हें दावों का निपटान करते समय बहुत तकनीकी रवैया नहीं अपनाना चाहिए।

एजेंसी न्यूज Bhasha|
जरुरी जानकारी | बीमा कंपनियां मामूली आधार पर दावों को नकारती हैं, बहुत तकनीकी नहीं होना चाहिए: न्यायालय

नयी दिल्ली, 20 मई उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि बीमा कंपनियां कई मामलों में दावों को ‘‘मामूली आधार’’ पर मना कर रही हैं, और उन्हें दावों का निपटान करते समय बहुत तकनीकी रवैया नहीं अपनाना चाहिए।

न्यायालय ने कहा कि बीमा कंपनियों को ऐसे दस्तावेज नहीं मांगने चाहिए जिन्हें बीमाधारक परिस्थितिवश पेश कर पाने की स्थिति में न हों।

शीर्ष अदालत ने 2013 में चोरी हुए ट्रक के लिए बीमा पॉलिसी के तहत किए गए दावे के संबंध में यह टिप्पणी की। न्यायालय ने इस मामले में राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (एनसीडीआरसी) के पिछले साल अगस्त में आए आदेश को खारिज कर दिया।

न्यायमूर्ति एम आर शाह और न्यायमूर्ति बी वी नागरत्ना की पीठ ने कहा कि ट्रक के मालिक अपीलकर्ता को गलत तरीके से बीमा दावे से वंचित कर दिया गया और बीमा कंपनी दावे का निपटान करते समय ‘‘बहुत तकनीकी’’ हो गई और उसने ‘‘मनमाने ढंग से’’ काम किया।

पीठ ने अपने आदेश में कहा, ‘‘इसलिए मामले के तथ्यों और परिस्थितियों के मद्देजनर, जब अपीलकर्ता ने पंजीकरण के प्रमाणपत्र की फोटोकॉपी और आरटीओ द्वारा दिए गए पंजीकरण विवरण पेश किए, तो केवल इस आधार पर कि पंजीकरण का मूल प्रमाण पत्र (जो चोरी हो गया है) पेश नहीं किया गया, दावे का निपटान नहीं करने को सेवा में कमी कहा जा सकता है।’’

इस बीमा दावे का निपटारा मुख्य रूप से इस आधार पर नकार दिया गया था कि अपीलकर्ता ने पंजीकरण का मूल प्रमाण पत्र या आरटीओ द्वारा जारी पंजीकरण प्रमाण पत्र की प्रमाणित नकल भी प्रस्तुत नहीं की थी।

पीठ ने कहा कि अपीलकर्ता को ऐसे दस्तावेज देने के लिए कहा गया, जिन्हें प्रस्तुत करना उसके नियंत्रण के बाहर था।

न्यायालय ने कहा कि वैध बीमा होने और ट्रक चोरी हो जाने के बाद, बीमा कंपनी को बहुत अधिक तकनीकी नहीं बनना चाहिए।

पीठ ने आगे कहा, ‘‘कई मामलों में यह पाया गया है कि बीमा कंपनियां मामूली आधार और/या तकनीकी आधार पर दावे को खारिज कर रही हैं। दावों का निपटान करते समय बीमा कंपनी को बहुत अधिक तकनीकी नहीं होना चाहिए और उन दस्तावेजों की मांग नहीं करनी चाहिए, जिन्हें पेश करना परिस्थितियों के कारण बीमाधारक के नियंत्रण से बाहर हों।’’

न्यायालय ने छत्तीसगढ़ के दुर्ग में जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग द्वारा अपीलकर्ता की शिकायत को खारिज के आदेश को रद्द कर दिया। साथ ही राज्य आयोग और एनसीडीआरसी द्वारा पारित आदेश को भी खारिज कर दिया।

पीठ ने कहा कि अपीलकर्ता को दावा करने की तारीख से सात प्रतिशत ब्याज के साथ 12 लाख रुपये की बीमा राशि मिलनी चाहिए।

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)

जरुरी जानकारी | बीमा कंपनियां मामूली आधार पर दावों को नकारती हैं, बहुत तकनीकी नहीं होना चाहिए: न्यायालय

नयी दिल्ली, 20 मई उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि बीमा कंपनियां कई मामलों में दावों को ‘‘मामूली आधार’’ पर मना कर रही हैं, और उन्हें दावों का निपटान करते समय बहुत तकनीकी रवैया नहीं अपनाना चाहिए।

न्यायालय ने कहा कि बीमा कंपनियों को ऐसे दस्तावेज नहीं मांगने चाहिए जिन्हें बीमाधारक परिस्थितिवश पेश कर पाने की स्थिति में न हों।

शीर्ष अदालत ने 2013 में चोरी हुए ट्रक के लिए बीमा पॉलिसी के तहत किए गए दावे के संबंध में यह टिप्पणी की। न्यायालय ने इस मामले में राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (एनसीडीआरसी) के पिछले साल अगस्त में आए आदेश को खारिज कर दिया।

न्यायमूर्ति एम आर शाह और न्यायमूर्ति बी वी नागरत्ना की पीठ ने कहा कि ट्रक के मालिक अपीलकर्ता को गलत तरीके से बीमा दावे से वंचित कर दिया गया और बीमा कंपनी दावे का निपटान करते समय ‘‘बहुत तकनीकी’’ हो गई और उसने ‘‘मनमाने ढंग से’’ काम किया।

पीठ ने अपने आदेश में कहा, ‘‘इसलिए मामले के तथ्यों और परिस्थितियों के मद्देजनर, जब अपीलकर्ता ने पंजीकरण के प्रमाणपत्र की फोटोकॉपी और आरटीओ द्वारा दिए गए पंजीकरण विवरण पेश किए, तो केवल इस आधार पर कि पंजीकरण का मूल प्रमाण पत्र (जो चोरी हो गया है) पेश नहीं किया गया, दावे का निपटान नहीं करने को सेवा में कमी कहा जा सकता है।’’

इस बीमा दावे का निपटारा मुख्य रूप से इस आधार पर नकार दिया गया था कि अपीलकर्ता ने पंजीकरण का मूल प्रमाण पत्र या आरटीओ द्वारा जारी पंजीकरण प्रमाण पत्र की प्रमाणित नकल भी प्रस्तुत नहीं की थी।

पीठ ने कहा कि अपीलकर्ता को ऐसे दस्तावेज देने के लिए कहा गया, जिन्हें प्रस्तुत करना उसके नियंत्रण के बाहर था।

न्यायालय ने कहा कि वैध बीमा होने और ट्रक चोरी हो जाने के बाद, बीमा कंपनी को बहुत अधिक तकनीकी नहीं बनना चाहिए।

पीठ ने आगे कहा, ‘‘कई मामलों में यह पाया गया है कि बीमा कंपनियां मामूली आधार और/या तकनीकी आधार पर दावे को खारिज कर रही हैं। दावों का निपटान करते समय बीमा कंपनी को बहुत अधिक तकनीकी नहीं होना चाहिए और उन दस्तावेजों की मांग नहीं करनी चाहिए, जिन्हें पेश करना परिस्थितियों के कारण बीमाधारक के नियंत्रण से बाहर हों।’’

न्यायालय ने छत्तीसगढ़ के दुर्ग में जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग द्वारा अपीलकर्ता की शिकायत को खारिज के आदेश को रद्द कर दिया। साथ ही राज्य आयोग और एनसीडीआरसी द्वारा पारित आदेश को भी खारिज कर दिया।

पीठ ने कहा कि अपीलकर्ता को दावा करने की तारीख से सात प्रतिशत ब्याज के साथ 12 लाख रुपये की बीमा राशि मिलनी चाहिए।

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)

शहर पेट्रोल डीज़ल
New Delhi 96.72 89.62
Kolkata 106.03 92.76
Mumbai 106.31 94.27
Chennai 102.74 94.33
View all
Currency Price Change
Google News Telegram Bot
Close
gamingly