इंदौर (मध्यप्रदेश), 20 नवंबर : केंद्र सरकार के स्वच्छ सर्वेक्षण में इंदौर के लगातार पांचवीं बार देश भर में अव्वल रहने की बुनियाद में गीले तथा सूखे कचरे के प्रसंस्करण से शहरी निकाय की मोटी कमाई के टिकाऊ रास्ते खोजना और बड़े पैमाने पर गंदे पानी के उपचार से इसे दोबारा उपयोग किए जाने के नवाचार हैं. यह भी पढ़ें : Uttar Pradesh: उत्तर प्रदेश के गांव में नवविवाहित पुरुष ने जहर का सेवन कर खुदकुशी की
स्वच्छ भारत अभियान के लिए इंदौर नगर निगम (आईएमसी) के सलाहकार असद वारसी ने शनिवार को ‘‘पीटीआई-’’ को बताया, ‘‘शहर में औसतन 300 एमएलडी (मिलियन लीटर प्रतिदिन) गंदा पानी उत्सर्जित होता है और अलग-अलग इलाकों में बने विशेष संयंत्रों में इसके उपचार के बाद 110 एमएलडी पानी सार्वजनिक बगीचों, खेतों और निर्माण गतिविधियों में दोबारा इस्तेमाल किया जा रहा है.’’