नयी दिल्ली, एक दिसंबर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने रविवार को कहा कि भारत के निरंतर प्रयासों ने पिछले कुछ वर्षों में एचआईवी संक्रमण के मामलों में कमी सुनिश्चित की है और 2023 में देश में संक्रमण के नये मामले 2010 की तुलना में लगभग 44 प्रतिशत कम होंगे, जबकि एड्स से संबंधित मौतों में 79 प्रतिशत की गिरावट आई है।
विश्व एड्स दिवस पर स्वास्थ्य मंत्रालय ने डेटा जारी किया, जिसमें कहा गया है कि मिजोरम, नगालैंड और मणिपुर में वयस्कों में एचआईवी का प्रसार उच्च स्तर पर बना हुआ है। इसके अलावा, पंजाब में संक्रमण के मामलों में वृद्धि भी चिंता का विषय है।
भारत एचआईवी अनुमान 2023 ---तकनीकी रिपोर्ट, रोकथाम प्रगति अद्यतन 2023-2024 (चौथा संस्करण) के अनुसार, कम प्रसार के बावजूद भारत में अभी भी 2023 में अनुमानित 25.44 लाख एड्स रोगियों के साथ एचआईवी का बड़ा संकट बरकरार है। 15 वर्ष से अधिक आयु की महिलाएं 44 प्रतिशत बोझ के लिए जिम्मेदार हैं, जबकि लगभग तीन फीसदी मामले बच्चों से जुड़े थे।
रिपोर्ट के मुताबिक, अन्य राज्यों में आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और तेलंगाना में अनुमानित वयस्क प्रसार 0.4 प्रतिशत से अधिक है, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर प्रसार दर 0.2 फीसदी है।
मध्य प्रदेश में आयोजित एक समारोह में नड्डा ने कहा कि भारत ने एड्स से निपटने के लिए ‘90-90-90’ लक्ष्य अपनाया है, जिसमें देश में एड्स के 90 प्रतिशत मामलों का पता लगाने, 90 प्रतिशत संक्रमितों का एंटीरेट्रोवाइरल थेरेपी (एआरटी) से इलाज करने और 90 प्रतिशत में वायरस का स्तर घटाने का लक्ष्य शामिल है।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि बाद में इस लक्ष्य को बढ़ाकर 95-95-95 कर दिया गया, जिनमें से 81 प्रतिशत एड्स संक्रमितों की पहचान कर ली गई है, 88 प्रतिशत को एआरटी दिया जा रहा है और 97 प्रतिशत पहचाने गए लोगों में वायरस का प्रकोप कम कर लिया गया है।
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